गर्ल्स-स्कूल ग्रउंड में इमारत बनाने पर विवाद:मोहल्ला निवासी बोले डि-एडिक्शन सेंटर,मोहल्ला क्लिनिक जहां नहीं बनने दिया जाएगा,दूसरे स्थान पर बनाए सरकार

जालंधर वेस्ट इलाके में सरकारी डि-एडिक्शन सेंटर बनाए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। महर्षि भगवान वाल्मीकि नगर, न्यू मॉडल टाउन, रमेश्वर कॉलोनी, गुरु रविदास नगर सहित आसपास के इलाकों के निवासियों ने आरोप लगाया है कि सरकार जबरन लड़कियों के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में डि-एडिक्शन सेंटर या मोहल्ला क्लिनिक बनाने की कोशिश कर रही है, जिसका वे कड़ा विरोध करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जगह पर नया सेंटर बनाया जा रहा है, वहां पहले से ही एक डिस्पेंसरी मौजूद थी, उसको डिमॉलिश कर दिया है। उसके साथ स्कूल की और जमीन को साथ लेकर बिल्डिंग का काम शुरू किया जा रहा था जिससे मोहल्ला निवासियों ने रोक दिया उन्होंने कहा स्कूल के ग्राउंड या अतिरिक्त जगह पर कोई निर्माण न किया जाए। इलाके के निवासियों ने बताया कि यह स्कूल प्लस-टू तक का है, जहां वाल्मीकि समाज, मेघ समाज, ब्राह्मण समाज सहित विभिन्न वर्गों की बच्चियां पढ़ती हैं। स्कूल का यही एकमात्र मैदान है, जहां प्रार्थना, खेलकूद और सर्दियों में कक्षाएं भी लगती हैं। अगर यहां डि-एडिक्शन सेंटर या मोहल्ला क्लिनिक बनाया गया तो बच्चियों की पढ़ाई, सुरक्षा और भविष्य पर असर पड़ेगा। लोगों ने यह भी आशंका जताई कि डि-एडिक्शन सेंटर खुलने से नशे से जुड़े मरीजों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे ट्रैफिक की समस्या के साथ-साथ छात्राओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि वे इस मुद्दे को लेकर पहले ही डीसी जालंधर, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री पंजाब, चीफ सेक्रेटरी और शिक्षा मंत्री को लिखित ज्ञापन दे चुके हैं। इसके बावजूद काम दोबारा शुरू किए जाने से लोगों में नाराजगी है। इलाका निवासियों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि वे सरकार के किसी भी जनहित कार्य के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन स्कूल परिसर में इस तरह का सेंटर किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर प्रशासन ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध और तेज करेंगे।