कांग्रेस पार्षदों के नाम नींव पत्थरों से गायब:बेरी बोले फाउंडेशन स्टोन्स पर पार्षाद चुनाव हारे नेताओं के नाम लिखे , कानूनी तौर पर गलत

जालंधर में शिलान्यास कार्यक्रमों के दौरान लगाई जा रही फाउंडेशन स्टोन्स पर विपक्षी कांग्रेस पार्षदों के नाम ना होने को लेकर राजनीतिक विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर नगर निगम के सामने धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। कांग्रेस विधायक परगट सिंह करीब दो हफ्ते पहले ही मेयर विनीत धीर और कमिश्नर संदीप बहल के साथ यह मामला उठा चुके हैं। उन्होंने उन्हें तस्वीरें दिखाकर कहा था कि चुने हुए कांग्रेस पार्षदों को न तो कार्यक्रमों के लिए बुलाया जा रहा है और न ही उनके नाम फाउंडेशन स्टोन्स पर दर्ज किए जा रहे हैं। जबकि AAP के वार्ड इंचार्जों को प्रमुखता दी जा रही है। जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान राजिंदर बेरी ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को सम्मान मिलना चाहिए। चाहे वह प्रतिद्वंद्वी पार्टी से ही क्यों न हो। उन्होंने बताया कि ताज़ा मामला वार्ड नंबर 2 का है, जहां कांग्रेस पार्षद हरप्रीत वालिया को रेरू क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने के उद्घाटन के लिए न तो बुलाया गया और न ही उनके नाम को फाउंडेशन स्टोन्स पर लगाया गया। जबकि AAP वार्ड इंचार्ज विजय भाटिया का नाम दर्ज कर दिया गया। बेरी ने इसे अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक बताया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि स्थानीय AAP विधायक और हल्का इंचार्ज इस तरह की शरारती राजनीति में शामिल हैं। कांग्रेस पार्षद जसलीन सेठी ने भी बताया कि न्यू जवाहर नगर क्षेत्र में रोड रीलैंग कार्य के फाउंडेशन स्टोन्स से उनका नाम गायब था। जब उन्होंने विरोध जताया तो अगले कार्य के फाउंडेशन स्टोन्स मास्टर तारा सिंह नगर में उनका नाम जोड़ा गया। लेकिन साथ ही AAP वार्ड इंचार्ज अजय चोपड़ा का नाम भी जोड़ दिया गया। जो पार्षद चुनाव हार चुके हैं। सेठी ने कहा कि जब उन्होंने हाल में कमिश्नर संदीप ऋषि और मेयर विनीत धीर से बात की तो उन्हें बताया गया कि ये शिलान्यास नगर निगम द्वारा नहीं करवाए जा रहे और न ही ठेकेदारों को भुगतान नगर निगम कर रहा है। ऐसे में ये शिलान्यास पत्थर गैरकानूनी हैं। उन्होंने कहा अगर येफाउंडेशन स्टोन्स, तो इन्हें सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगाया जा सकता। इन्हें तुरंत हटाया जाए। अगर निगम ने ऐसा न किया, तो कांग्रेस स्वयं कार्रवाई करेगी।