जालंधर ED की डिजिटल अरेस्ट ठगी केस में कार्रवाई:पांच राज्यों में 11 ठिकानों पर छापे, 7 करोड़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मास्टरमाइंड गिरफ्तार
- Admin Admin
- Dec 26, 2025
जालंधर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए की गई ठगी से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। लुधियाना के उद्योगपति एस. पी. ओसवाल से जुड़े डिजिटल अरेस्ट मामले में ईडी ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में एक साथ 11 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं। मामले की मास्टरमाइंड रूमी कलिता को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार कर 2 जनवरी 2026 तक ईडी रिमांड पर भेजा गया है। ईडी के अनुसार यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई। जांच की शुरुआत लुधियाना के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में बीएनएसएस, 2023 के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर हुई थी। बाद में इसी गिरोह से जुड़े 9 अन्य मामलों को भी जांच में शामिल किया गया। जांच में सामने आया कि डिजिटल अरेस्ट के दौरान ठगों ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताकर एस. पी. ओसवाल को डराया और जाली सरकारी व न्यायिक दस्तावेज दिखाए। इसके जरिए उन्हें अलग-अलग खातों में करीब 7 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया। 5.24 करोड़ रुपए की राशि बरामद ईडी ने कार्रवाई के दौरान 5.24 करोड़ रुपए की राशि बरामद कर पीड़ित को वापस कर दी है। शेष रकम को फर्जी खातों के जरिए डायवर्ट किया गया, जो मजदूरों और डिलीवरी बॉय जैसे लोगों के नाम पर खोले गए थे। इन खातों से पैसा या तो आगे भेज दिया गया या तुरंत नकद निकाल लिया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि रूमी कलिता इन फर्जी खातों की जानकारी ठगी गई रकम के एक तय प्रतिशत के बदले उपलब्ध कराती थी। वह अपराध की आय के डायवर्जन और लेयरिंग की पूरी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल थी। रूमी को 23 दिसंबर को किया गया गिरफ्तार तलाशी के दौरान मिले सबूतों के आधार पर ईडी ने रूमी कलिता को 23 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार किया। सीजेएम कोर्ट, कामरूप (एम), गुवाहाटी से उन्हें 4 दिन की ट्रांजिट रिमांड मिली, जिसके बाद उन्हें जालंधर की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को 2 जनवरी 2026 तक 10 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है। ईडी मामले की आगे गहन जांच कर रही है।



