जालंधर में प्रो.एम.पी.सिंह ने जागरुकता मार्च निकाला:मिशन 6213 की मुहिम तेज़ प्रदूषण नियंत्रण को लेकर मेयर और सीएम के नाम सौंपा मांगपत्र

जालंधर में शहर में बढ़ते हवा और शोर प्रदूषण को लेकर आज मिशन 6213 पंजाब और कोचिंग फेडरेशन की ओर से प्रो. एम.पी. सिंह (केमिस्ट्री गुरु) की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने मेयर और पंजाब के मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा। इस दौरान प्रो. सिंह और टीम ने कहा कि जालंधर में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। वॉयस प्रदूषण एक बड़ी सार्वजनिक हेल्थ चिंता बन चुका है। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि स्कूलों, अस्पतालों और आवासीय इलाकों में लगातार शोर सीमा का उल्लंघन हो रहा है, जिससे लोगों के हेल्थ, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हवा और शोर प्रदूषण गंभीर खतरा टीम की रिपोर्ट में खुलासा टीम की ओर से दिए गए डाटा में बताया गया कि दो महीने के विश्लेषण में जालंधर का AQI लगातार CPCB और WHO की निर्धारित सीमा से ऊपर पाया गया। वहीं सर्वे में 15–20% नागरिकों ने सीधे तौर पर शोर और हवा प्रदूषण से जुड़े हेल्थ समस्याओं की शिकायत जताई।प्रतिनिधियों ने कहा कि जालंधर भी ऐसी योजनाओं को लागू करके स्मार्ट और स्वस्थ शहर बन सकता है। मुख्य मांगें इस प्रकार हैं: मुख्य सड़कों के किनारे Noise Barriers लगाए जाएं। कार्बन ईंधन की जगह CNG और पर्यावरण अनुकूल ईंधन अपनाया जाए। स्कूलों और अस्पतालों के आसपास डिसीबल कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड लगाए जाएं। वाहनों की गति सीमा और आवाज़ करने वाले हॉर्नों पर सख्ती से रोक लगे। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारकर कब्जों से मुक्त और सुरक्षित फुटपाथ बनाए जाएं। पार्किंग की कमी दूर करने और अवैध कब्जे हटाने के लिए सख्त कार्रवाई। शहर में कचरे के लिए स्टैंडर्ड डस्टबिन व्यवस्था और ठोस वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू हो।ज़ोरदार एग्जॉस्ट और हॉर्न वाले वाहनों व उपकरणों की बिक्री और चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध। सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थानों के आसपास अधिक से अधिक पेड़ और झाड़ियां लगाई जाएं ताकि प्रदूषण को प्राकृतिक तरीके से रोका जा सके। प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई कि सरकार द्वारा जल्द कदम उठाए जाएंगे और जालंधर को एक स्वच्छ, शांत और सच्चा स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में ठोस कार्यवाही होगी।