पंजाब को मिले सबसे वेहले 3 लोग:मोगा में हुए मुकाबले में 31 घंटे तक बिना खाए-सोए बैठ रहे, पहले स्थान पर रहे 2 युवक

पंजाब के मोगा में हुआ वेहले रहने का मुकाबला 32 घंटे बाद खत्म हो पाया। इसमें पंजाब को 2 सबसे ज्यादा वेहले लोग मिल गए। घोलियां खुर्द में हुए इस मुकाबले में दोनों संयुक्त विनर 31 घंटे 4 मिनट तक वेहले बैठे रहे। पहले नंबर पर नाथेके के रहने वाले सतबीर सिंह और लाभप्रीत सिंह निवासी रोली रहे। दोनों बिना खाए-पिए और मोबाइल से मुकाबले में अंत तक डटे रहे। तीसरे स्थान पर ढूडिके के चानन सिंह रहे। इन्होंने मुकाबले में 29 घंटे तक लगातार वेहले रहने का रिकॉर्ड बनाया। लोगों को मोबाइल से दूर रखने और किताबों से जोड़ने के लिए घोलियां खुद में वेहले रहने का मुकाबला करवाया गया। इसमें पंजाब भर से 55 लोगों ने भाग लिया। मुकाबले में बिना सोए, बिना खाए और बिना बाशरूम बैठे रहने की शर्त थी। मोगा के घोलियां खुर्द में करवाए गए इस मुकाबले में 11 कड़े नियम रखे गए थे। किताबें पढ़ने और सिमरन करने की छूट थी। मुकाबले में मोबाइल यूज करने की भी मनाही थी। आपस में बातें कर सकते थे, मगर झगड़ा होने की सूरत में मुकाबले से बाहर करने का नियम था। इन नियमों का अंत तक 3 लोग ही पालन कर पाए। 53 लोग 12 से 24 घंटे के बीच ही मुकाबले से बाहर हो गए। रविवार सुबह शुरू हुए थे मुकाबले मुकाबले रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुए। इसमें बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी आयु वर्ग के लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतियोगिता के नियम बेहद सख्त रखे गए थे बावजूद इसके प्रतिभागियों ने मुकाबला जीतने के लिए जी-जान लगा दी। लगातार 32 घंटे तक चले इस अनूठे आयोजन में लोगों ने धैर्य की मिसाल पेश की। विनर को साइकिल 3500 रुपए, रनर को 1500 रुपए मिले पहले स्थान पर रहने वाले दोनों विजेताओं सतबीर सिंह और लाभप्रीत सिंह को एक-एक साइकिल और 3500 रुपए नकद इनाम दिया गया। तीसरा स्थान हासिल करने वाले चानन सिंह को 1500 रुपए का इनाम मिला। तीनों प्रतिभागियों ने मुकाबला जीतने के बाद आयोजकों का धन्यवाद किया और कहा कि उनको 31 घंटे मोबाइल से दूर रहकर अच्छा लगा। घर पर तो वे पूरा-पूरी दिन रील्स ही देखा करते थे। अभी बैठने की हिम्मत थी, लेकिन आयोजकों ने उठाया सतबीर सिंह और लाभप्रीत सिंह ने बताया कि इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा, "इस अनुभव से पता चला कि हमारा शरीर कितना सुस्त हो चुका है। हमने 32 घंटे बिना मोबाइल के बिताए और हम तो अभी भी 7-8 घंटे बैठ सकते थे, लेकिन हमारी सेहत को देखते हुए आयोजकों ने सहमति से हमें उठाया। मुकाबले के आयोजकों में से एक कमलप्रीत सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि लोगों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और 32 घंटे तक बैठे रहे। उन्होंने आगे भी इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करने की बात कही। यह आयोजन तकनीक के जीवन में मोबाइल की निर्भरता को चुनौती देने और धैर्य व एकाग्रता का महत्व समझाने का एक सफल प्रयास रहा। सतबीर बोले-वेहले बैठकर अच्छा लगा बहुत बढ़िया फैसला रहा, मैं सबका धन्यवाद करता हूं। अभी 7 घंटे और बैठ सकते थे। बहुत अच्छा लगा वेहले बैठकर। मोबाइल से दूर रहे 30 घंटे। मैं तो सबको कहता हूं कि मोबाइल से दूर रहें। रात को वक्त काटना ज्यादा कठिन था। यही लगता था कि नींद का झोका न आ जाए। 30 घंटे तक बाथरूम तक नहीं गए। इस मुकाबले में ये सीखने को मिला कि मोबाइल के बिना भी रहा जा सकता है। कमलप्रीत बोले-मुकाबले में मजा आया दूसरे संयुक्त विनर लाभप्रीत ने कहा कि मैं वाणी पढ़ता रहा। 5-6 घंटे तक और बैठ सकता था। प्रबंधकों ने बहुत अच्छा फैसला दिया है। घर वाले कह रहे थे कि ये क्या काम पकड़ लिया है। इस मुकाबले में बहुत मजा आया। कंपीटिशन इतना टफ था कि बाथरूम तक का ख्याल नहीं रहा। यूथ को किताबों से जोड़ना और नशे से तोड़ना जरूरी आयोजन ने कहा कि 31 घंटे 4 मिनट तक दोनों युवक वेहले बैठे रहे। दोनों को इनाम के तौर पर साइकिल दिया गया। अभी ये और देर बैठने के लिए कह रहे थे, लेकिन हमने कहा कि अंधेरा बहुत ज्यादा हो जाएगा। इसके बाद दोनों के साथ बात की गई और साझा विजेता करार दिया गया। लोगों का मुकाबले को सहयोग मिला। गांव घोलियां खुर्द की महिलाओं ने खाने-पीने का प्रबंध किया। ऐसे मुकाबलों से यूथ मोबाइल से दूर होगा, किताबों से जुड़ेगा और नशे से भी दूर रहेगा।