100 से अधिक विद्यार्थियों ने गुरबाणी के शबदों का कीर्तन किया

भास्कर न्यूज | जालंधर ऐतिहासिक गुरद्वारा छठी पातशाही के प्रबंधकों के अंतर्गत बच्चों में धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए चलाई जा रही संस्था ‘गुरमत शिक्षा सभा’ के विद्यार्थियों की ओर से विशेष गुरमत समागम आयोजित किए गए। साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी, भाई मतिदास जी, भाई सती दास जी और भाई दयाला जी के 350 वर्षीय शहीदी समागम को समर्पित करवाए गए इस समागम में हर वर्ग के करीब 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। इन विद्यार्थियों ने गुरुबाणी के शबदों का कीर्तन किया। इसके अतिरिक्त बच्चों ने कविता, धार्मिक गीत, लेक्चर और कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल किया। संगत ने जयकारों की गूंज के साथ इन विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। गुरद्वारा साहिब के प्रधान गुरकृपाल सिंह ने गगनदीप सिंह और बलजीत सिंह को अमृत के धारणी बनकर पूर्ण गुरसिख बनने पर दोनों को बधाई दी और गुरद्वारा साहिब की ओर से सिरोपाओं तथा सम्मान-चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके अलावा सचिव इंदरपाल सिंह, अमनदीप सिंह छाबड़ा, अमृतपाल सिंह, अकाली रछपाल सिंह ने बाकी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर गुरद्वारा साहिब के ग्रंथी ज्ञानी तरसेम सिंह, ज्ञानी दलबीर सिंह और ज्ञानी गुरजिंदर सिंह चंबा भी मौजूद रहे। मंच संचालन की सेवा सीए जसमीत सिंह ने निभाई। गुरमत समागम ने विद्यार्थियों ने गुरु साहिब की शहादत पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने दूसरे धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया। विश्व के इतिहास के पन्नों पर कोई ऐसी उदाहरण नहीं मिलती कि किसी एक धर्म के रहिबर ने किसी दूसरे धर्म को बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी हो। गुरमत समागम में सहयोगियों को सम्मानित करते सदस्य।