संकष्टी चतुर्थी कल...:इस दिन प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता गणपति के विकट रूप की पूजा करने का विधान

भास्कर न्यूज | जालंधर हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सभी देवों में प्रथम पूजनीय माना गया है। भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि, सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। वहीं किसी भी शुभ काम की शुरुआत विघ्नहर्ता की पूजा से ही होती है। शिव शक्ति मां बगलामुखी धाम के मुख्य पंडित विजय शास्त्री ने बताया कि हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को अर्पित की गई है। इस बार चतुर्थी सात दिसंबर को है। इस दिन गणेश चतुर्थी व्रत किया जाएगा। इसमें भगवान गणेश के विकट रूप की पूजा करने का विधान है। दिन में व्रत रख कर रात्रि को चन्द्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोलें। इस व्रत के करने से व्यक्ति को बुद्धि तथा ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है। यदि व्यक्ति के मन में कोई इच्छा हो तो व्यक्ति उसके निमित्त भी इस व्रत को कर सकता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित की जाती है। इस दिन व्रत करने से घर में शुभता का वास होता है। इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान गणेश का व्रत और पूजन करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त किया जा सकता है। यदि विनायक चतुर्थी के दिन प्रभु के निमित व्रत किया जाए तो भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं। कार्यों में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं और जीवन में सकारात्मक का संचार करते हैं। उन्होंने बताया कि इस दिन कई शुभ काम जैसे नए बिजनेस की शुरुआत से लेकर घर और वाहन खरीदने तक के काम कर सकते हैं। उन्होंने महत्व बताते हुए कहा कि इस दिन चतुर्थी का व्रत करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रहे सभी विघ्नों का नाश होता हैं। सभी संकट दूर हो जाते हैं।