लोग बोले- हाईवे पर ग्रीन बेल्ट की जमीन का व्यापारिक इस्तेमाल करना गलत
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- Dec 19, 2025
भास्कर न्यूज | जालंधर वीरवार को जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (जेआईटी) की गुरु अमरदास नगर और कालिया कॉलोनी के लोगों ने हाइवे किनारे की ग्रीन बेल्ट की जमीन की केटेगरी बदलने पर एतराज जताया। लोगों ने सीएमओ के फील्ड अफसर नवदीप सिंह और डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल को मांगपत्र भी सौंपा। लोगों ने कहा कि यह जमीन ग्रीन बेल्ट की है। इसे 7.30 एकड़ जमीन के चेंज ऑफ लैंड यूज प्रोपोजल में शामिल करना गलत है। गुरु अमरदास नगर वसनीक सोसायटी के चेयरमैन जरनैल सिंह ने कहा कि जब कोई कॉलोनी काटी जाती है, तो उसकी कुल जमीन पर आई लागत में सीवरेज-पानी आदि की सुविधाओं की लागत गिनी जाती है। इसके बाद जो प्लॉट काटे जाते हैं, इसके अनुसार मुनाफे की दर तय करने के बाद प्लॉटों की कीमत तय होती है। जब 51.5 एकड़ में गुरु अमरदास नगर कॉलोनी काटी गई तो हाइवे के किनारे 300 मीटर जमीन खाली रखने का नियम था। आज कॉलोनी के सारे प्लॉट बेचने के बाद इस जमीन को अलग से बेचने की तैयारी कर ली गई। जबकि यह ग्रीन बेल्ट की जमीन है। लोग इसका पैसा दे चुके हैं। यहां लोगों ने 4000 पौधे रोपे हैं। यह जमीन ग्रीन बेल्ट की ही रहनी चाहिए। दूसरी तरफ डेलीगेशन में कालिया कॉलोनी एंड पार्क डेवलपमेंट सोसायटी के प्रधान भगवंत सिंह समेत अन्य सदस्य भी शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने 1922 के एक्ट की धारा-43 के जरिए एरिया रिजर्व फॉर एजुकेशनल पर्पज से बदलकर मिक्स्ड लैंड यूज में चेंज ऑफ लैंड यूज करवाने का फैसला लिया है। इस संबंध में लोगों से सुझाव और एतराज मांगे गए थे। ट्रस्ट पहले भी उक्त जमीन में से दो प्लॉट बनाकर पेट्रोल पंपों के लिए बिक्री कर चुका है, जबकि करीब 400 मरले जमीन अलग से एक शैक्षणिक संस्थान को लीज पर दी गई है। उसे भी ग्रीन बेल्ट के साथ ही मिक्स लैंड यूज में शामिल करना है। इससे पहले फ्लाईउड़ान जिंदगी की ट्रस्ट ने भी डीसी को ईमेल भेजकर अपना विरोध जताया था। लोग पहले से ही हरियाली बचाने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुके हैं। उन्होंने यह मांग भी की है कि जब तक केस का फैसला नहीं आ जाता, तब तक जमीन की कैटेगरी नहीं बदली जाए। वह ये दलील भी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रखेंगे, इसके लिए कानूनी स्टडी की जा रही है।



