राणा गुरजीत सिंह कांग्रेस का कर रहे विरोध,गुट-बंदी:चीमा से टसल,सुलतानपुर लोधी में बेटे ने कांग्रेस के खिलाफ सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे
- Admin Admin
- Dec 05, 2025
पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता राणा गुरजीत सिंह है। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे है। पंजाब प्रधानगी में के प्रबल दावेदारों में उनका नाम है। दिल्ली हाईकमान में भी उनका अच्छा रसुक है। लेकिन मौजूदा पंजाब प्रधान अमरिंदर राजा बडिंग के साथ उनका 36 का आंकड़ा है। दोआबा कांग्रेसी के कई कांग्रेसी नेताओं के साथ उनका 36 का आंकड़ा है। जिनमें सुखपाल सिंह खैहरा, जिला प्रधान बलविंदर सिंह धालीवाल, नवतेज चीमा शामिल है। इसके बावजूद भी पंजाब प्रधानगी के लिए उनका नाम चल रहा है। साथ ही उन्होंने ने जालंधर के विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री परगट सिंह नाम रिकमेंड किया है। पिछले विधानसभा चुनावों में राणा गुरजीत सिंह ने अपने बेटे राणा इंद्र प्रताप सिंह को कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा के खिलाफ चुनाव लड़ाया और वो बड़े मार्जन से आजाद चुनाव जीते। वही एक फिर ब्लाक समिति और जिला परिषद चुनावों में राणा इंद्र प्रताप सिंह ने लक्का सुलतानपुर लोधी सभी सीटों पर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आजाद उम्मीदवार मैदान में उतारे है। सुल्तानपुर लोधी से विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह के गुट से जुड़े सभी उम्मीदवारों ने ब्लॉक समिति चुनाव में बिना पार्टी सिंबल के स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वीरबार को सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया।नामांकन के दौरान विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह खुद उम्मीदवारों के साथ मौजूद रहे। इस दौरान बड़ी संख्या में समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल वहा मौजूद रहकर माहौल को पूरी तरह चुनावी रंग में बदल दिया। जगह-जगह नारों और ढोल-नगाड़ों के साथ माहौल त्योहार जैसा बन गया। समर्थकों में उत्साह स्पष्ट नजर आया और इलाका पूरी तरह राजनीतिक चर्चाओं से गरमाया दी। इस मौके MLA राणा इंदर प्रताप सिंह ने कहा राणा ही इनका चुनावी निशान है इस अवसर पर राणा इंदर प्रताप सिंह ने कहा हमारे सभी उम्मीदवार आजाद लड़ेंगे इना चोण निशान राणा है। उन्होंने कहा हम विकास के मुद्दे पर सरकार पर सवाल खड़ा करेगे चार सालों में आप ने हल्के में क्या विकास करवाया है। इसी को आधार बना कर जनता में को बताएंगे। उन्होंने कहा बिना सरकार के हम लोगों के काम करवा रहे है। मेरी टीम हर समय लोगो के दुख सुख में शामिल होती है। इनके काम करते है। उसी का नतीजा है आज जाे यह लोग अपने काम छोड़ कर मेरे साथ है। उन्होंने कहा लोगों की मौजदूगी यह साफ करती है। चुनाव में कौन जीतेगा। हमारे सभी उम्मीदवार जनता की भलाई और विकास को प्राथमिकता बनाकर चुनाव में उतर रहे हैं। भले ही वे स्वतंत्र रूप से लड़ रहे हैं, लेकिन जनता का समर्थन उन्हें जीत की ओर ले जाएगा।जनता का प्रेम और विश्वास ही उनकी असली ताकत है। सुल्तानपुर लोधी में राजनीतिक हलचल तेज MLA राणा इंदर प्रताप सिंह के समर्थक उम्मीदवार बिना पार्टी सिंबल के मैदान में। राणा गुरजीत सिंह खुलकर मैदान में नहीं चीमा का विरोध इस तरीके कर रहे इस चुनाव में राणा गुरजीत सिंह के कहने पर अधिकतर पुराने कांग्रेसी नेताओं ने बेटे राणा इंदर प्रताप की ओर से आजाद उम्मीदवार के नामांकन भरे है। नवतेज चीमा को राजनीति का जवाब राजनीति में दे रहे है। चीमा को राजनीति उठने नहीं देना चाहते। उनके सामने हर वक्त खड़े नजर आ रहे है। क्या था नवतेज चीमा और सुखपाल खैहरा का राणा के साथ विवाद कांग्रेस की सरकार समय जब राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया जाना था तब सुखपाल सिंह खैहरा और नवतेज चीमा ने इसका विरोध किया था। इस बात जब राण को पता चला तो से राणा गुरजीत सिंह ने इन दोनों को खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। यह विवाद उस समय और बड़ गया जब राणा गुरजीत सिंह कैबिनेट मंत्री बने उसके बाद सुखपाल खैहरा आम आदमी पाटी चले गए थे। यह आरोप 2017 के आसपास लगे थे। जब खैहरा विरोधी दल ( AAP) के नेता थे और उन्होंने मीडिया व विधानसभा दोनों जगह राणा गुरजीत पर भूमि गोद लेने बैंक लोन घोटाले, और खनन ठेका घोटाले का आरोप लगाया था। खैहरा ने मुख्यमंत्री व राज्य सरकार से मांग की थी कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो। इस राणा को मंत्री पद से उतार दिया गया था। उसी दिन से टसल बड़ गई। 2022 विधानसभा चुनाव में पंजाब कांग्रेस ने सुल्तानपुर लोधी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नवतेज चीमा को टिकट दिया। लेकिन राणा गुरजीत सिंह ने अपनी पार्टी का मंत्री होने के बावजूद अपने बेटे राणा इंद्र प्रताप को उसी सीट से आजाद उम्मीदवार के रूप में उतारने का फैसला किया। इस कदम को पार्टी की नजरों में अंदरूनी विद्रोह माना गया जिससे कांग्रेस हाईकमान की परेशानी बढ़ गई।



