खन्ना में फर्जी जमानत करवाने वाला गिरफ्तार:जाली आधार कार्ड बनवाने का आरोप, वकील के साथ करता था काम
- Admin Admin
- Dec 05, 2025
खन्ना में फर्जी जमानत के मामले में पुलिस ने एक आरोपी गिरफ्तारी किया है। जिसकी पहचान गांव कम्मा निवासी करमजोत सिंह करमा के रूप में हुई। यह मामला 13 अगस्त 2024 को दर्ज किया गया था, जिसमें आरोपियों की जमानत के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, करमजोत सिंह करमा लंबे समय से खन्ना तहसील में दलाल के रूप में काम कर रहा था। वह पहले एक वकील के साथ काम करता था, लेकिन फर्जी जमानत मामले के बाद उसने वहां से काम छोड़ दिया और तहसील में स्वतंत्र रूप से दलाली करने लगा। उस पर गवाही के लिए पैसों का लेन-देन करने और कई अधिकारियों के साथ साठगांठ रखने का भी आरोप है। पुलिस का कहना है कि फर्जी जमानत केस में करमा ने जाली आधार कार्ड बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। पुलिस अधिकारी उसे रिमांड पर लेकर उससे जुड़े अन्य व्यक्तियों और इस रैकेट के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि तहसील और कोर्ट परिसर के कुछ अन्य लोग भी इस गिरोह से जुड़े थे, जो करमा की गिरफ्तारी के बाद से कथित तौर पर गायब हैं। 2022 की ‘स्पेशल 26 स्टाइल’ लूट से जुड़ा मामला यह पूरा मामला उस सनसनीखेज वारदात से जुड़ा है, जिसमें 4 सितंबर 2022 को तड़के आयकर अधिकारी बनकर आए बदमाशों ने 25 लाख रुपए की लूट की थी। इस केस में आरोपी रजनीश कुमार पुत्र जगदीश कुमार निवासी वार्ड 13 जैन वाली गली, जीरा (फिरोजपुर) को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में रजनीश कुमार को अदालत ने 1-1 लाख रुपए की दो जमानतों पर रिहा किया, लेकिन जांच में ये जमानतें जाली निकलीं। इसके बाद वह अदालत में पेश नहीं हुआ और उसे भगौड़ा घोषित कर दिया गया। बाद में पेश होकर उसने दोबारा जमानत ले ली थी। 10 जुलाई 2024 को खन्ना अदालत ने फर्जी जमानत मामले में अलग से एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। इसी आदेश पर सिटी थाना 1 में केस दर्ज हुआ। उधर आईपीसी 392 के तहत चल रहे मुख्य केस का ट्रायल लुधियाना में चलना था, लेकिन 31 जुलाई 2024 की तारीख पर भी रजनीश हाजिर नहीं हुआ। लुधियाना अदालत ने भी उसे पीओ करार दे दिया था कैसे हुआ फर्जी जमानत का खुलासा? शिकायतकर्ता के रिश्तेदार संतोख सिंह बैनीपाल ने बताया कि राजवंत सिंह निवासी मेंहदीपुर की दो गांवों में खेती योग्य जमीन है। उसकी फर्द निकालकर उस नाम पर जाली आधार कार्ड बनवाया गया और उसका इस्तेमाल रजनीश कुमार की जमानत करवाने में किया गया। जब परिवार को इस बारे में पता चला तो उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट में पता चला कि जमानत देने वाला दलेर सिंह पुत्र पाला सिंह, निवासी किशनगढ़—वास्तव में गांव में कोई ऐसा व्यक्ति था ही नहीं। दोनों जमानतें साफ तौर पर फर्जी पाई गईं। करमा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि फर्जी जमानत रैकेट में शामिल तहसील और कोर्ट से जुड़े अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि आने वाले दिनों में इस केस में बड़े खुलासे हो सकते हैं।



