लुधियाना के 2 गांवों में 4 मौतों से सन्नाटा:कनाडा आग हादसे में 3 पीढ़ियां खत्म, युवक बोला-मेरी गर्भवती पत्नी कूदकर बची

कनाडा के ब्रैंपटन में लगी भीषण आग में लुधियाना जिले के गुरम और गोसल गांव के कुल चार लोगों की मौत के बाद दोनों गांवों में मातम पसरा है। गुरम गांव के ‘डिपू वाले’ परिवार की तीन सदस्य हरिंदर कौर, बहू गुरजीत कौर और पोता बनतवीर जिंदा जल गए, जबकि शंकर गांव की अनु की भी मौत हुई। परिवार के अन्य तीन सदस्य अस्पताल में भर्ती हैं। उधर, गोसल के जगराज, जिनकी पत्नी, बेटा और साला गंभीर हालत में हैं, ने बताया कि लोग झूठी अफवाहें फैलाकर उनके दर्द को और बढ़ा रहे हैं। गांवों में शोक के बीच हादसे की जांच को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। कैसे हुआ हादसा, जगराज ने बताई अहम बातें पत्नी पहली मंजिल से कूदकर जान बचाई: कनाडा में मौजूद परिवार के सदस्य जगराज ने पहली बार मीडिया से बातचीत में घटना की विस्तार से जानकारी दी। उनके अनुसार हादसे के समय घर में कुल आठ लोग थे, सभी एक ही परिवार के। उनकी पत्नी, जो 10-12 दिन में डिलीवरी वाली थीं, ने आग लगने पर जान पर खेलकर गर्भस्थ शिशु और 5 वर्षीय बेटे को बचाया। वह पहली मंजिल से कूद गईं, लेकिन बाद में अस्पताल में गर्भस्थ बच्चे की मौत हो गई। उनकी पत्नी और साले की हालत अभी भी नाजुक है और दोनों वेंटिलेटर पर हैं, जबकि उनका बेटा खतरे से बाहर है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैल रहा: जगराज ने कहा कि आग के बाद से उनके पास फोन देखने तक का समय नहीं है, फिर भी लोग सोशल मीडिया पर झूठी बातें फैला रहे हैं। कुछ लोग दावा कर रहे थे कि घर में 11 लोग अवैध रूप से रह रहे थे, जबकि जगराज ने इसे पूरी तरह गलत बताया। उनके मुताबिक, “हम रिश्तेदारों के साथ रहते थे, किराएदारों की तरह नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके पड़ोसी रोजाना आते-जाते थे और जानते थे कि सब सामान्य था। घटना वाली रात भी पड़ोसी 1:58 बजे काम पर निकला और घर में सब ठीक था, आग करीब 2 बजे शुरू हुई। मेयर ने भी तथ्यहीन बयान दिए: हादसे को लेकर फैलाई जा रही अटकलों पर जगराज ने कहा कि परिवार ने जून-जुलाई में ही घर के फर्नेस और डक्ट की सफाई करवाई थी। “हर चीज अप-टू-डेट थी, कोई लापरवाही नहीं थी,” उन्होंने बताया। उन्होंने यह भी कहा कि मेयर के कुछ बयान तथ्यहीन थे और बिना पुष्टि के दिए गए, जिससे परिवार को और चोट पहुंची है। हमें पैसों की नहीं, दुआओं की जरूरत: आग के बाद किसी ने परिवार की ओर से GoFundMe शुरू कर दिया था, जिसे जगराज ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि परिवार किसी से पैसों की मांग नहीं कर रहा। सोशल वर्कर ने सलाह दी कि लंबी मेडिकल यात्रा के चलते यह फंड उपयोगी हो सकता है, इसलिए वह इसे बंद करवाने की प्रक्रिया में हैं। वीजा में मिली सहायता: जगराज ने बताया कि स्थानीय सांसद और सोशल वर्करों ने उनके रिश्तेदारों की मां और मृत बच्चों के माता-पिता के वीजा में मदद की है, ताकि वे कनाडा पहुंचकर अपने परिवार के साथ रह सकें। गांव में मातम, सदमे में लोग गुरम गांव इस भयावह हादसे के बाद पूरी तरह शोक में है। ‘डिपू वाला’ परिवार नाम से जाना जाने वाला यह परिवार खेती, डेयरी ​​​फॉर्म और सामाजिक कार्यों के कारण गांव में बेहद सम्मानित माना जाता था। जब गांव वालों को पता चला कि हरिंदर कौर, उनकी बहू और पोता जिंदा जल गए हैं, तो पूरा गांव स्तब्ध रह गया। कई ग्रामीणों का कहना है कि परिवार वर्षों से गांव की एक पहचान था और ऐसा दुख उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। गांव के बुजुर्गों ने कहा कि “हमारे गांव की शान पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।”