लुधियाना फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों का बलिदान दिवस आज:फ्लाइंग अफसर सेखों के जीवन पर बनी है बॉर्डर-2, दिलजीत दोसांझ निभाएंगे करेक्टर

भारत-पाक युद्ध (1971) के दौरान अदम्य साहस दिखाने वाले परमजीत चक्र विजेता फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह सेखों का जीवन बहुत जल्दी ही सिनेमा हॉल के बड़े पर्दे पर दिखने वाला है। बॉर्डर-2 फिल्म निर्मलजीत सिंह सेखों की वीरता के आसपास ही बनी है और दिलजीत दोसांझ उनकी करेक्टर में दिखेंगे। दिलजीत दोसांझ ने फिल्म का एक सीन लॉन्च किया था जिसमें वो फ्लाइंग अफसर की यूनिफॉर्म में दिखे। 23 जनवरी को बॉर्डर-2 पर्दे पर आएगी और लोगों को देश के जांबाज निर्मलजीत सिंह सेखों का करेक्टर जानने का मौका मिलेगा। लुधियाना जिले के इस्सेवाल गांव में जन्मे निर्मलजीत सिंह सेखों का आज बलिदान दिवस है। एयरफोर्स के जवान हर साल लुधियाना डिप्टी कमिश्नर दफ्तर में लगी उनकी प्रतिमा को सैल्यूट करने आते हैं। आज भी हलवारा एयरफोर्स स्टेशन से अफसर व जवान आकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। DC कार्यालय में वीर योद्धा को श्रद्धांजलि लुधियाना DC कार्यालय में स्थापित शहीद स्मारक पर आज जिले के अधिकारी गणमान्य व्यक्ति और नागरिक एकत्रित होकर इस महान सपूत को श्रद्धांजलि देंगे। स्मारक की पट्टिका पर उनकी बहादुरी का वर्णन है जो आज भी हर भारतीय में गर्व का संचार करता है फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों ने खदेड़े थे दुश्मन के छह जहाज फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों परमवीर चक्र हिंद-पाक की जंग के दौरान श्रीनगर हवाई अड्डे पर नेट (Gnat) जहाज के पायलट थे। 14 दिसंबर 1971 को दुश्मन के 6 जंगी जहाजों ने श्रीनगर हवाई अड्डे पर हमला कर दिया। इस दौरान निर्मलजीत सिंह सेखों अपने जहाज में उड़ान भरकर दुश्मन से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। उन्होंने भारत की एकता और अखंडता को कायम रखने और देश की रक्षा करते हुए दुश्मन के 2 जहाजों को बुरी तरह तबाह कर दिया और अपनी बहादुरी की मिसाल कायम की। जानें कौन थे फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों निर्मलजीत सिंह सेखों का जन्म 17 जुलाई 1943 को लुधियाना जिले के इस्सेवाल गांव में हुआ था। उनके पिता तरलोक सिंह सेखों भी भारतीय वायु सेना में मानद कैप्टन के पद पर थे। 1960 में नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के 34वें कोर्स में दाखिला लिया और 4 जून 1967 को भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्राप्त किया। 1971 के युद्ध के दौरान उनकी पोस्टिंग श्रीनगर एयरबेस पर नंबर 18 स्क्वाड्रन में थी जिसे फ्लाइंग बुलेट्स भी कहा जाता है जहां वह एक सिंगल-सीट Gnat (नेट) फाइटर जेट उड़ाते थे। जब श्रीनगर की रक्षा में दे दी जान दिसंबर 1971 में भारत-पाक युद्ध अपने चरम पर था। 14 दिसंबर को सुबह पाकिस्तानी वायुसेना के छह F-86 सेबर जेट लड़ाकू विमानों ने श्रीनगर एयरबेस पर हमला बोल दिया। सेखों उस समय अपने विमान में उड़ान भरने की तैयारी कर रहे थे। एयरफील्ड पर घने कोहरे के कारण उड़ान में कुछ देरी हो रही थी। पाकिस्तानी विमानों ने एयरबेस पर बमबारी शुरू कर दी। भीषण हमले के बावजूद सेखों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए फौरन उड़ान भरी। वह अकेले ही छह सेबर जेट्स से भिड़ गए।