लुधियाना नगर निगम में शामिल होंगे 110 से ज्यादा गांव:मेयर इंदरजीत कौर ने 26 को बुलाई निगम हाउस की बैठक, एजेंडे में 14 प्रस्ताव शामिल

लुधियाना नगर निगम में शहर के आसपास के 110 से ज्यादा नए गांव शामिल किए जाएंगे। नगर निगम का दायरा बढ़ाने के लिए मेयर इंदरजीत कौर ने हाउस की बैठक बुला दी है। यह प्रस्ताव हाउस की बैठक में रखा जाएगा और उसके बाद इस प्रस्ताव को पास करके राज्य सरकार को भेजा जाएगा। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद गांवों को नगर निगम में शामिल कर दिया जाएगा। मेयर इंदरजीत कौर ने 26 दिसंबर को नगर निगम हाउस की बैठक बुलाई है। बैठक का एजेंडा तैयार हो गया है और उसमें 14 प्रस्तावों को शामिल किया गया है। हालांकि मेयर ने अभी एजेंडा जारी नहीं किया है। सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर के अनुसार तैयार एजेंडे में 14 प्रस्ताव हैं और नगर निगम की लिमिट बढ़ाने वाला मुख्य प्रस्ताव है। ये प्रस्ताव भी हैं एजेंडे में शामिल नगर निगम के हाउस की बैठक के एजेंडे में सुनेत में नगर निगम के दो प्लाट बेचे जाने का प्रस्ताव भी हैं। इसके अलावा तरस के आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति के कुछ प्रस्ताव शामिल हैं। सरकार की मंजूरी के बाद जारी होगा नोटिफिकेशन नगर निगम प्रस्ताव पास करके स्थानीय निकाय विभाग को भेजेगा और स्थानीय निकाय विभाग इसे सरकार को सौंपेगा। उसके बाद सरकार इसे मंजूरी देगी और फिर नोटिफिकेशन जारी होगा। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इन गांवों को नगर निगम में शामिल कर दिया जाएगा और वहां की पंचायतें, ब्लॉक समिति और जिला परिषद की सीटों को भी भंग कर दिया जाएगा। गिल और साहनेवाल हलके के गांव होंगे निगम में शामिल लुधियाना शहर के चारों तरफ गिल व साहनेवाल विधानसभा हलके के गांव हैं। ज्यादातर गांव अब शहर में शामिल हो चुके लेकिन वो अभी नगर निगम लिमिट के बाहर हैं जिसकी वजह से उन्हें शहरी सुविधाएं नहीं मिलती हैं। कई सालों से नगर निगम लिमिट बढ़ाने की डिमांड की जा रही है। नगर निगम का दायरा ढाई गुणा तक बढ़ जाएगा नगर निगम का एरिया वर्तमान में करीब 160 वर्ग किलोमीटर है। 110 से ज्यादा गांव जोड़े जाने के बाद नगर नगम का दायरा ढाई से तीन गुणा बढ़ जाएगा और यह 400 वर्ग किलोमीटर तक हो जाएगा। शहर का फैलाव बना वजह तेजी से हो रहे शहरीकरण और शहर से सटे गांवों में बढ़ती आबादी को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है। कई गांवों में पहले ही शहरी सुविधाएं विकसित हो चुकी हैं, लेकिन नगर निगम सीमा से बाहर होने के कारण वहां मूलभूत सेवाओं में दिक्कतें आ रही हैं। 1995 में 25 गांव हुए थे शामिल 1995 में भी नगर निगम की सीमा का विस्तार हुआ था। उस समय नगर निगम में करीब 25 गांव शामिल किए गए थे। नगर निगम गठन से लेकर अब तक दूसरी बार नगर निगम की सीमा का विस्तार किया जाना है। नगर निगम पर बढ़ेगा बोझ, आमदनी भी बढ़ेगी नगर निगम में नए गांव शामिल होने पर गांवों की सभी पंचायती संपत्तियां नगर निगम की हो जाएंगी। नगर निगम को अनुमान है कि इन गांवों के शामिल होने से नगर निगम को सालाना 20 से 25 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स मिलेगा। आमदनी बढ़ने के साथ ही नगर निगम के खर्च भी बढ़ जाएंगे क्योंकि इन गांवों में सड़क, सीवरेज व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था करना नगर निगम के जिम्मेदारी होगी। निगम हाउस में भी बढ़ जाएगी पार्षदों की संख्या नगर निगम का दायरा बढ़ेगा तो हाउस में 30 से 35 पार्षदों की गिनती भी बढ़ानी होगी। ऐसे में अगले नगर निगम चुनाव से शहर के वार्डों की वार्ड बंदी होगी और लुधियाना नगर निगम में पार्षदों की संख्या 95 से बढ़कर 125 से 130 हो सकती है। शामिल होने वाले गांवों को मिलेंगी शहरी सुविधाएं