लुधियाना में अस्पताल की लापरवाही पर 12 घंटे चला धरना:शव बदलने के मामले में FIR दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
- Admin Admin
- Dec 23, 2025
पंजाब के लुधियाना में फिरोजपुर रोड स्थित ओरिसन सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में शव बदलने के मामले में पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। पुलिस ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एफआईआर दर्ज होने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त किया। महिला का शव बदले जाने के कारण परिजनों ने पूरे दिन अस्पताल में धरना दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। परिजनों के साथ उनके रिश्तेदार व गांव के लोग भी धरने पर बैठे रहे। सुबह शव लेने पहुंचे, मोर्चरी में निकला दूसरा शव मोगा जिले के गांव कहाड़ेवाल निवासी जसवंत सिंह की पत्नी जसबीर कौर (72) की 19 दिसंबर को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। महिला लीवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं और 9 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहीं। परिजनों के अनुसार महिला के दोनों बेटे कनाडा में रहते हैं इसलिए शव को अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखा गया था। सोमवार सुबह बेटे कनाडा से लुधियाना पहुंचे। अस्पताल के सभी बिल चुकाने के बाद जब मोर्चरी से शव लेने गए तो उन्हें जो शव दिखाया गया वह उनकी मां का नहीं था। शव किसी दूसरी महिला का था जिससे परिजनों के होश उड़ गए। स्टाफ नहीं बता सका- असली शव कहां गया परिजनों का आरोप है कि अस्पताल का कोई भी कर्मचारी यह नहीं बता सका कि जसबीर कौर का शव आखिर कहां गया। कई घंटे इंतजार के बावजूद जब कोई जवाब नहीं मिला तो परिजनों ने गांव से अन्य लोगों को बुला लिया और अस्पताल परिसर में धरना शुरू कर दिया। धरना सुबह से लेकर देर शाम तक चला। इस दौरान अस्पताल में तनाव का माहौल बना रहा और सुरक्षा बढ़ानी पड़ी। अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिए मृतका के पति जसवंत सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी के अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिए गए। उन्होंने आशंका जताई कि शव के साथ छेड़छाड़ की गई है और अंग निकालकर बेचने की साजिश भी हो सकती है। परिजनों ने उस परिवार की जानकारी मांगी जिसे कथित रूप से गलत शव सौंपा गया लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कोई जानकारी सांझी नहीं की सूत्रों के अनुसार जिस परिवार को शव सौंपा गया उन्होंने चेहरा ढका होने के कारण पहचान नहीं की और अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में उन्हें सूचना मिली कि वह शव किसी और महिला का था। जिनका शव समझकर संस्कार हुआ, वह थीं प्रतिष्ठित मंजू दीवान शव बदलने के इस मामले ने तब और गंभीर रूप ले लिया जब यह सामने आया कि जिस महिला को समझकर अंतिम संस्कार कर दिया गया वह शहर की जानी-मानी शख्सियत मंजू दीवान थीं। मंजू दीवान गीतांजलि लेडीज क्लब की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर रह चुकी थीं। क्लब की पूर्व प्रेसिडेंट थीं। पेशे से शेफ थीं और उनकी तीन कुकिंग किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। वह पिछले दो महीनों से बीमार चल रही थीं और दिल्ली में उनका इलाज भी चल रहा था। शनिवार को गीतांजलि लेडीज क्लब का कार्यक्रम चल रहा था तभी सदस्यों को मंजू दीवान के निधन और उसी दिन अंतिम संस्कार की सूचना मिली। सूचना मिलते ही क्लब की चार-पांच महिलाएं सीधे श्मशान घाट पहुंचीं। पुलिस ने दर्ज किया केस,जांच शुरू सूचना मिलने पर थाना सराभा नगर की पुलिस मौके पर पहुंची। एसएचओ आदित्य शर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मोर्चरी रिकॉर्ड सीसीटीवी फुटेज और स्टाफ से पूछताछ कर रही है। परिजनों की मांग थी कि पूरे मामले की सच्चाई सामने लाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। करीब 12 घंटे बाद जब पुलिस ने केस दर्ज करने की पुष्टि की तब जाकर धरना समाप्त हुआ।



