नवजोत कौर सिद्धू का CM मान से सवाल:शिवालिक रेंज में अवैध कब्जों को वैध करने की अनुमति क्यों दे रहे

पूर्व क्रिकेटर एवं पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी व पूर्व विधायक डॉ नवजोत कौर सिद्धू ने शिवालिक रेंज की जमीन के बहाने CM भगवंत मान, पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल को घेरा है। नवजोत कौर सिद्धू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल पूछा है कि शिवालिक रेंज में अवैध कब्जों को वैध करने की अनुमति क्यों दी जा रही है। नवजोत कौर सिद्धू ने X हैंडल पर लिखा है कि हम शिवालिक रेंज की जमीन को बचाने के लिए एक कदम आगे बढ़ रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुखबीर बादल शिवालिक रेंज में आपके अवैध कब्जों का रजिस्ट्रेशन होने नहीं दिया जाएगा। कृपया यह जमीन पंजाब को वापस करें। उसके आगे उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए लिखा है कि मुख्यमंत्री साहब, आपको यह जवाब देना होगा कि आप अतिक्रमण की अनुमति क्यों दे रहे थे और उसे वैध क्यों बनाया जा रहा था? नवजोत कौर सिद्धू ने सरकार को घेरा है कि सरकार इस जमीन पर अतिक्रमण को वैध करने जा रही है। जिसे होने नहीं दिया जाएगा। नवजोत कौर सिद्धू ने पोस्ट की जमीन मालिकों की लिस्ट नवजोत कौर सिद्धू ने इस ट्वीट के साथ बाकायदा कुछ लोगों के नाम की लिस्ट भी डाली है जिनकी शिवालिक रेंज में जमीन है। इस लिस्ट में कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी मां के नाम शामिल हैं। हालांकि इस लिस्ट में सुखबीर बादल का नाम शामिल नहीं है। लिस्ट में इनके नाम हैं शामिल शिवालिक रेंज में जिन कुछ व्यक्तियों के पास भूमि के बड़े-बड़े हिस्से हैं, उनके नाम राजिंदर सिंह भुल्लर (1060 कनाल 10 मरला) शिविंदर सिंह (383 कनाल 16 मरला), कैप्टन अमरिंदर सिंह व मेजर कवलजीत सिंह (795 कनाल 15 मरला) मोहिंदर कौर (114 कनाल 08 मरला); युदनंदिनी कुमारी (376 कनाल 13 मरला) चेतन गुप्ता एवं परिवार (834 कनाल 17 मरला) अमरपाल एवं परिवार (242 कनाल 13 मरला) सुरजीत सिंह घई एवं परिवार (208 कनाल 0 मरला) शिवालिक रेंज की जमीन का मुद्दा पहले भी उठाती रही नवजोत कौर नवजोत कौर सिद्धू ने शिवालिक रेंज की जमीन का मुद्दा पहले भी उठाया और इस पर उन्होंने कैप्टन, सुखबीर बादल व मान सरकार को भी घेरा था। इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल को भी एक ज्ञापन दिया था ओर शिवालिक रेंज पर किए गए अवैध कब्जों को छुड़वाने की मांग की थी। क्या है शिवालिक रेंज की जमीन का कानूनी पहलू काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स के अध्यक्ष कपिल देव ने बताया कि शिवालिक पहाड़ियों का फुटविल एरिया फॉरेस्ट लैंड में शामिल है। इस एरिया में लोगों की जमीन है लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेस्ट लैंड ही माना है। जिसकी वजह से इस पर किसी तरह काम नहीं हो सकता यहां तक कि खेतीबाड़ी भी नहीं। इससे जमीन मालिकों को परेशानी हो रही थी। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी बनी और कमेटी ने सिफारिश की थी कि इस जमीन को एग्रीकल्चर और पशुपालन जैसे जीवन उपयोगी कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। लेकिन यहां पर किसी तरह की पक्की कंस्ट्रक्शन नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी की सिफारिश पर यह अनुमति दे दी। कुल लोगों ने शिवालिक रेंज में जमीनें खरीद ली। जमीन खरीदने के बाद जब उन्होंने फार्म हाउस बनाने शुरू किए तो उन्हें रोक लिया। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पक्के कंस्ट्रक्शन की अनुमति दी ही नहीं थी। जिससे लोग परेशान होने लगे। मान सरकार को क्यों घेर रही नवजोत कौर सिद्धू, जानिए कपिल देव ने बताया कि पंजाब सरकार ने नवंबर माह में कैबिनेट की बैठक में एक प्रस्ताव पास किया कि शिवालिक रेंज की इस जमीन पर फार्म हाउस का निर्माण 4000 वर्ग गज में किया जा सकता है और उसमें 400 गज तक ही निर्माण कार्य हो सकेगा। पंजाब सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया। हालांकि यह मामला एनजीटी में चले गया है। नवजोत कौर पंजाब सरकार के इसी प्रस्ताव की वजह से बार-बार मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस मुद्दे पर घेर रही हैं। नवजोत कौर ने इसी वजह से राज्यपाल को भी इस मामले में शिकायत दी थी और कहा था कि सरकार के इस प्रस्ताव को रद्द किया जाए। काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स ने एनजीटी में किया केस दायर काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स के अध्यक्ष कपिल देव गगनीज खुराना, मोहित जैन व विकास अरोड़ा ने इसके खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर की। एनजीटी ने सुनवाई शुरू कर दी है और चार दिसंबर को पहली सुनवाई हुई। कपिल देव ने बताया कि उन्होंने सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की। 18 दिसंबर को सरकार की तरफ से प्रिंसिपल सेक्रेटरी विकास गर्ग ने एक जवा दायर किया और वह भी स्पष्ट नहीं था। उस जवाब में यह नहीं लिखा गया कि सरकार ने किस जमीन पर कंस्ट्रक्शन करने की अनुमति दी है। उसके बारे में सही जानकारी नहीं थी। सरकार के वकील ने कहा कि अभी इस नोटिफिकेशन पर सरकार ने कोई काम नहीं किया है और ही फिलहाल करने जा रहे हैं। जिस पर एनजीटी ने सरकार को चार फरवरी तक अपना डिटेल जवाब देने को कहा है। कपिल देव ने बताया कि पांच जिलों में पहाड़ों की तलहटी लाखों एकड़ जमीन है जिसमें से सरकार ने 56 हजार एकड़ जमीन पर फार्म हाउस बनाने की अनुमति दी है। इंजीनियर्स ने क्यों लगाई याचिका कपिल देव का कहना है कि यह जमीन जंगलों के साथ लगती जमीन है। अगर यहां पर फार्म हाउस बनेंगे तो रात को पार्टियां होंगी और साउंड सिस्टम लगेंगे। इसके साथ ही वाहनों की आवाजाही बढ़ेगी जिससे वन्य जीवन प्रभावित होगा। इसके अलावा यह इको सिस्टम के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने बताया कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना भी है।