लुधियाना जेल दंगा कर भागने की थी योजना::कैदियों ने एकत्रित किए थे हथियार, जेल में अफरा-तफरी का माहौल बनाकर भागना था
- Admin Admin
- Dec 18, 2025
पंजाब की लुधियाना सेंट्रल जेल में कैदी दंगा भड़काकर भागने की फिराक में थे। इसके लिए कैदी लंबे समय से योजना बना रहे थे और उन्होंने जेल में अवैध तरीके से तेजधार हथियार भी एकत्रित कर लिए थे और अब वो दंगा भड़काना चाहते थे। मंगलवार रात को कैदियों ने जमकर हंगामा किया और जेल अधिकारियों पर तेजधार हथियारों से हमला किया। जेल के स्टाफ ने कमिश्नरेट पुलिस को समय रहते सूचना दे दी जिसकी वजह से कैदी भागने में कामयाब नहीं हो सके। जेल प्रशासन ने कैदियों के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज करवाई है उसमें भी साफ लिखा है कि कैदी जेल से भागने की कोशिश कर रहे थे। कैदियों ने हंगामा करते करते जेल से भागना था केंद्रीय जेल में कैदियों ने दो बैरेकों में तो हंगामा करके दिया था और उन्होंने जेल की बैरेकों के सरिए भी तोड़ लिए थे। कैदी अन्य बैरेकों में भी कैदियों को भड़काकर बाहर निकालने की फिराक में थे ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ हो और वो मौका देखकर वहां से खिसक सकें। जेल में कैसे पहुंचे तेजधार हथियार कैदियों के पास कुल्हाड़ी समेत अलग-अलग तरह के तेजधार हथियार थे। उन्हीं हथियारों से कैदियों ने जेल सुपरिंटेंडेंट समेत अन्य अधिकारियों पर हमला किया। जेल प्रशासन ने भी हमले के बाद माना है कि कैदियों ने पहले से हथियार एकत्रित करके छुपाए थे। अब सवाल यह उठता है कि कैदियों के पास ये अवैध हथियार कहां से पहुंचे? बिना चेकिंग के अंदर कोई चीज नहीं जाती लुधियाना केंद्रीय जेल में अवैध सामान को अंदर जाने से रोकने के लिए स्कैनर लगे हैं। इसके बावजूद अंदर तेजधार हथियार तक पहुंच गए। इससे जेल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जेल प्रशासन इस मामले में भी जांच करने में जुट गया। फेंकों के जरिए भी पहुंचता हैं अंदर सामान कैदी मुलाकात या पेशियों के दौरान अपने लोगों को मिलते हैं और उनसे अलग अलग तरह के सामान की डिमांड करते हैं। उनके रिश्तेदार उन्हें सामने से कुछ दे नहीं सकते तो कैदी उन्हें फेंकों के बारे में बताते हैं। फेंके फिर पैसे लेकर जेल के पिछले हिस्से से सामान अंदर फेंकते हैं। पुलिस को शक है कि ये हथियार भी फेंकों के जरिए ही अंदर पहुंचाए गए हैं। जेल से भागने का प्रयास, FIR में दर्ज: असिस्टेंट जेल सुपरिंटेंडेंट विजय कुमार ने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस को जो बयान दिया उसमें कहा है कि कैदियों ने जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर जान से मारने की मंशा से ईंटें, लकड़ी के डंडे, कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियार पहले एक एकत्रित करके छुपाए थे। उन्होंने हथियारो का इस्तेमाल करके जेल से भागने का प्रयास किया। 2019 में भी जेल में हंगामा कर भागने की बनाई थी योजना साल 2019 में लुधियाना सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच हुए हिंसक हंगामे ने गंभीर रूप ले लिया। इस घटना में एक कैदी की मौत, कई कैदियों और पुलिसकर्मियों के घायल होने के साथ-साथ जेल संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था। हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस को हवा में फायरिंग तक करनी पड़ी। उस दौरान भी कैदियों ने जेल से भागने के लिए हंगामा किया था। कैदी की मौत पर हुआ था हंगामा 27 जून 2019 को जेल में बंद ड्रग केस के एक आरोपी सन्नी को तबीयत खराब होने पर पहले लुधियाना और फिर पटियाला के राजेंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। जैसे ही यह खबर जेल के अंदर पहुंची तो कैदियों ने हंगामा शुरू कर दिया। कैदियों ने बैरेकों में जाने से किया था इनकार लुधियाना जेल में तब तीन हजार से अधिक कैदी थे और उन्होंने बैरकों में वापस जाने से इनकार कर दिया। देखते ही देखते कैदी दो गुटों में बंट गए और आपस में भिड़ंत शुरू हो गई। जेल परिसर में पड़े ईंट-पत्थर और लोहे की छड़ों से हमला किया गया। काबू पाने के लिए पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी और एक कैदी को गोली लग गई थी। भागने की कोशिश और सोशल मीडिया लाइव हंगामे के दौरान कुछ कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश भी की, हालांकि सभी को पकड़ लिया गया। हैरान करने वाली बात यह रही कि उस समय कुछ कैदियों ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित तक कर दी थी। पुलिस ने तब 22 से अधिक कैदियों के खिलाफ हत्या एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसी साल जेल की दीवार फांदकर भाग गया था कैदी इस साल अक्तूबर माह में राहुल कुमार नाम का एक कैदी जेल के अंदर से दीवार फांदकर भाग गया था। जेल अधिकारी उसे सीवरेज लाइन में ढूंढते रहे और वह 1200 किलोमीटर दूर बिहार के दरभंगा पहुंच गया था जिसे दस दिन बाद लुधियाना पुलिस ने गिरफ्तार किया।



