लुधियाना में टोल प्लाजा पर फायरिंग में तीन गिरफ्तार:आरोपी बोले-अधिक शुल्क लेने को लेकर विवाद में कर्मियों ने की मारपीट

पंजाब के लुधियाना में लाडोवाल टोल प्लाजा पर कर्मचारियों पर गोली चलाने के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए लोगों ने अब दावा किया है कि टोल कर्मचारियों ने उनसे अधिक शुल्क लिया और विरोध करने पर मारपीट की। इस केस में पुलिस ने गहनता से जांच शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान अमृतपाल सिंह, आदित्य मोहन और सतनाम सिंह के रूप में हुई है, जो सभी बटाला के निवासी हैं। वे पटियाला में एक शादी से लौट रहे थे, तभी यह विवाद हुआ। टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने कहा था कि उनमें से एक ने किसी बोर्ड का 'चेयरमैन' होने का दावा किया, टोल देने से इनकार कर दिया और वैध वीआईपी कार्ड दिखाने के लिए कहने पर गोली चला दी। तीनों आरोपी भी हुए घायल एडीसीपी सिटी 3 कंवलप्रीत सिंह के अनुसार, तीनों आरोपी गिरफ्तारी के समय घायल पाए गए। उन्होंने कहा कि तीनों पर टोल कर्मचारियों के साथ बहस के बाद कम से कम तीन गोलियां चलाने का आरोप लगाया गया है। उनका दावा है कि अधिक शुल्क लेने को लेकर विवाद के दौरान कर्मचारियों ने उनसे मारपीट की और गोलीबारी हुई। कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया हथियार एक लाइसेंसशुदा बंदूक है, जो अभी तक बरामद नहीं हुआ है। हथियार कब्जे में लेने के बाद लाइसेंसिंग का सत्यापन किया जाएगा। पुलिस अब टोल प्लाजा के कर्मचारियों के खिलाफ आरोपियों द्वारा लगाए गए आरोपों को सत्यापित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। एडीसीपी ने कहा कि दोनों आरोपों की जांच की जा रही है। गोलियां चलाने वाला युवक है छात्र तीनों गिरफ्तार किए गए लोगों की उम्र 21 से 25 साल के बीच है। जबकि आदित्य मोहन एक छात्र है, अमृतपाल और सतनाम किसान हैं। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आदित्य ने गोलियां चलाईं हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उनमें से किसके पास कानूनी रूप से बंदूक थी। टोल प्लाजा के कर्मचारी सिकंदर सिंह की शिकायत पर लाडोवाल पुलिस स्टेशन में धारा 307 (हत्या का प्रयास), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 149 (गैरकानूनी सभा), और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत मामला दर्ज किया गया है।