विधानसभा पहुंचा नगर निगम लुधियाना की सीमा बढ़ाने का मुद्दा:मनप्रीत अयाली ने उठाया मुद्दा, शहर से लगते गांव ही किए जाएं शामिल

लुधियाना नगर निगम हाउस ने 110 गांवों को शहर में शामिल करने का प्रस्ताव पास करके राज्य सरकार को भेज दिया। विपक्ष के पार्षद इस प्रस्ताव का विरोध करते रहे लेकिन मेयर व विधायकों ने इसे जबरन पास करवा दिया। निगम की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव का मामला अब विधानसभा में भी पहुंच गया। विधायक मनप्रीत अयाली ने मेयर के इस प्रस्ताव पर विधानसभा में विरोध जताया। विधायक मनप्रीत अयाली ने साफ कर दिया कि जिन गांवों का शहरीकरण हो चुका है उन्हें जरूर नगर निगम में शामिल किया जाना चाहिए लेकिन जो गांव नगर निगम सीमा से बहुत दूर हैं और अभी वहां पर शहरीकरण के कोई आसार नहीं हैं उन गांवों को नगर निगम में शामिल न किया जाए। अयाली ने साफ किया कि जिस तरह लैंड पूलिंग पॉलिसी सरकार को वापस लेनी पड़ी उसी तरह इस प्रस्ताव को भी सरकार को वापस लेना पड़ेगा क्योंकि पंचायतें इसका विरोध करने लग गए हैं। अयाली ने विधानसभा में कहा कि कई पंचायतें इसके खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी हैं। जिन गांवों का शहरीकरण हो चुका है वहां पर नहीं होगा ज्यादा खर्च मनप्रीत अयाली का तर्क है कि जिन गांवों का शहरीकरण हो चुका है उनको शामिल करने से नगर निगम पर ज्यादा आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा। लेकिन जो गांव दूर दराज में हैं उनको अगर निगम में शामिल किया जाता है तो नगर निगम पर आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा। अयाली ने कहा कि नगर निगम की नजर पंचायतों की जमीन पर है इसलिए गांवों को शामिल किया जा रहा है। 110 गांव नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव नगर निगम ने 110 गांवों को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया हे हालांकि सरकार अगर इसे मंजूरी दे भी दे तो दो साल तक इसे लागू नहीं किया जा सकेगा। दरअसल जनगणना के लिए 1 जनवरी 2026 से दो साल तक सभी शहरों व गांवों की बाउंडरी फ्रीज रहेंगी। कांग्रेस, भाजपा व अकाली दल कर चुका है विरोध नगर निगम हाउस की बैठक में कांग्रेस, भाजपा व अकाली दल के पार्षद इस प्रस्ताव का विरोध कर चुके हैं। सांसद व पंजाब कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, भाजपा के जिला प्रधान रजनीश धीमान, अकाली दल के पूर्व विधायक रणजीत सिंह ढिल्लों समेत प्रमुख नेता इस प्रस्ताव का विरोध कर चुके हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि पंजाब सरकार की लैंड पुलिंग पॉलिसी फेल होने के बाद अब नगर निगम की सीमा बढ़ाने के नाम पर गांवों की जमीन हड़पने की योजना बना रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि गांवों को शामिल करके सरकार पंचायत की जमीनों पर कब्जा करना चाहती है।