केंद्र सरकार को VB-G RAM G पर घेरेंगे राजा वड़िंग:लुधियाना में करेंगे प्रेस कान्फ्रेंस, मनरेगा के नए कानून की गिनाएंगे खामियां

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग मनरेगा में किए गए बदलावों पर आज लुधियाना में केंद्र सरकार को घेरेंगे। राजा वड़िंग जिला प्रशासकीय कॉम्पलैक्स स्थित बचत भवन में एक प्रेस कान्फ्रेंस करके नए कानून की खामियां गिनाएंगे। कांग्रेस पूरे देश में प्रेस कान्फ्रेंस करके मनरेगा में किए गए बदलावों पर केंद्र सरकार को घेर रही है। कांग्रेस का केंद्र सरकार पर पहला आरोप यह है कि उन्होंने महात्मा गांधी के नाम को इस योजना से हटा दिया है, जिससे साफ है कि भाजपा महात्मा गांधी को पसंद नहीं करती है। इसके अलावा गरीबों का रोजगार छीनने और राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने जैसे मुद्दों पर कांग्रेस विरोध जता रही है। कांग्रेस इन मुद्दों पर कर रही है VB-G RAM G कानून का विरोध, जानिए महात्मा गांधी का नाम हटाना: कांग्रेस ने विरोध की एक बड़ी वजह यह भी बताई है कि MGNREGA से ‘महात्मा गांधी’ का नाम हटाकर नया नाम VB-G RAM G रखा गया है, जिसे वे गांधी जी की विरासत का अपमान मानते हैं। मनरेगा मजदूर होंगे काम से वंचित: कांग्रेस का आरोप है कि पंजाब में मनरेगा योजना का मूल उद्देश्य ही कमजोर कर दिया गया है। कानून के तहत हर ग्रामीण परिवार को 100 दिन का रोजगार मिलना चाहिए, लेकिन हकीकत में अधिकांश मजदूरों को 20 से 40 दिन से ज्यादा काम नहीं दिया जा रहा। कांग्रेस का कहना है कि यह सीधे-सीधे मजदूरों के रोजगार के अधिकार का हनन है और केंद्र सरकार जानबूझकर मनरेगा को कमजोर कर रही है। बेरोजगारी भत्ते के अधिकार को खत्म करना: कांग्रेस के दावा है कि नए कानून में काम मांगने के बावजूद रोजगार न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। जिससे मनरेगा में काम करने वालों को परेशानी होगी। कांग्रेस का सबसे बड़ा एतराज इसी बात को लेकर हे। ग्राम सभा की शक्तियां कम करना: कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने कानून में जो बदलाव किया है उसमें ग्रामसभा का योजना में नियंत्रण कम कर दिया है और प्रशासनिक हस्तक्षेप बढ़ा दिया है। जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही कम हुई। केंद्र-राज्य फंड हिस्सेदारी और राज्य पर बोझ: नए कानून के तहत केंद्र और राज्य की फंड शेयरिंग 60:40 हो सकती है , जिससे राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और योजना अमल में बाधा आ सकती है। कांग्रेस का कहना है कि इससे गरीबों को लाभ नहीं मिलेगा।