नेहरु रोज गार्डन के नवीनीकरण पर सवाल:3.29 करोड़ के बागवानी कार्यों पर संदेह,सीनियर डिप्टी मेयर ने निगम कमिश्नर को लिखा पत्र

पंजाब के लुधियाना में नगर निगम द्वारा नेहरू रोज गार्डन को नया रूप देने की योजना में 8.46 करोड़ के प्रोजेक्ट एस्टीमेट में बागवानी कार्यों की ऊंची लागत पर सवाल उठ रहे हैं। प्रस्ताव के अनुसार सौंदर्यीकरण योजना में 1.32 करोड़ के सिविल कार्य, 2.15 करोड़ की लाइटिंग और इलेक्ट्रिकल अपग्रेड, और 3.29 करोड़ केवल बागवानी के लिए हैं। अन्य प्रावधानों में एक नया पानी का टैंक (21.40 लाख), सिंचाई प्रणाली (85.62 लाख), बच्चों का खेल क्षेत्र (19.82 लाख), एक ओपन जिम (5.67 लाख) और एक शौचालय ब्लॉक (32.06 लाख) शामिल हैं। निगम का कहना है कि पार्क को बड़े बदलाव की जरूरत है, लेकिन पौधों, हरियाली और लैंडस्केप नवीनीकरण के लिए बड़ी राशि आवंटित करने पर सवाल उठ रहे हैं। टेंडर फाइनल करने से पहले स्पष्टीकरण जरूरी पार्षदों और निवासियों का कहना है कि बागवानी के लिए यह राशि "असामान्य रूप से अधिक" है और टेंडर फाइनल करने से पहले इसका स्पष्टीकरण जरूरी है। सूत्रों मुताबिक पता चला है कि सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर ने नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर टेंडर स्ट्रक्चर की समीक्षा करने और जवाबदेही तय करने को कहा है। उन्होंने लिख है कि टेंडर में बागवानी के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई है, लेकिन ठेकेदार की लंबी अवधि के रखरखाव की जिम्मेदारी तय नहीं है। पराशर ने लिखा है कि लुधियाना में पहले भी ऐसे प्रोजेक्ट हुए हैं जहां ठेकेदारों ने पौधारोपण का काम पूरा किया लेकिन रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया, जिससे सार्वजनिक धन बर्बाद हो गया। रोज गार्डन प्रोजेक्ट पहले भी विवादों में रहा विजिलेंस ब्यूरो ने पूर्व एमसी अधिकारी संजय कंवर को बागवानी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। इसी टेंडर से जुड़ा एक मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में भी लंबित है, जिस पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को है। निगम अधिकारियों का कहना है कि नई योजना शहर को स्वच्छ, आधुनिक और अधिक विजिटर फ्रेंडली पार्क देने के उद्देश्य से है। योजना में बेहतर लाइटिंग, नए फ्लावर बेड, पानी बचाने वाली सिंचाई प्रणाली और बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं शामिल हैं। एक अधिकारी ने कहा कि प्रशासन अंतिम मंजूरी से पहले इसकी जांच करेगा।