वर्धमान ग्रुप के एमडी से 7 करोड़ की डिजिटल ठगी:लुधियाना में दर्ज केस पर जांच, ED ने 5 राज्यों में मारे छापे, एक गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लुधियाना स्थित टेक्सटाइल कंपनी वर्धमान ग्रुप के एसपी ओसवाल से हुई 7 करोड़ रुपए की डिजिटल ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ED की जालंधर जोनल ऑफिस की टीम ने 22 दिसंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में 11 ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापे मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA),2002 के तहत मारे गए और इस दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। ED ने यह जांच लुधियाना के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के आधार पर शुरू की थी। CBI अधिकारी बनकर ठगों ने की थी जाली दस्तावेज जांच में पता चला कि CBI अधिकारी बनकर ठगों ने जाली दस्तावेज और अदालती कागजात का इस्तेमाल कर ओसवाल को 'डिजिटल अरेस्ट' किया और उनसे 7 करोड़ रुपए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। कुल रकम में से 5.24 करोड़ रुपए का पता लगाकर अलग-अलग खातों से वापस ले लिया गया, जबकि बाकी रकम मजदूरों और डिलीवरी करने वालों के नाम पर खोले गए फर्जी खातों के जरिए घुमाई गई। इन खातों से पैसे या तो आगे भेजे गए या तुरंत नकद निकाल लिए गए ताकि पैसे का पता न चल सके। ED को यह भी पता चला कि इन फर्जी खातों को रूमी कलिता नाम की एक महिला चला रही थी, जिसे ठगी की रकम का एक हिस्सा मिलता था। छापेमारी के दौरान मिले सबूतों से पता चला है कि कलिता ने अपराध से कमाए गए पैसे को घुमाने में सक्रिय भूमिका निभाई। 23 दिसंबर को महिला की गिरफ्तार कलिता को 23 दिसंबर को PMLA के तहत गिरफ्तार किया गया। गुवाहाटी की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे चार दिन की ट्रांजिट रिमांड दी, जिसके बाद उसे जालंधर की स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 2 जनवरी, 2026 तक 10 दिन की ED हिरासत में भेज दिया है। एजेंसी ने यह भी बताया कि इसी मामले में 31 जनवरी, 2025 को भी छापेमारी की गई थी, जिसमें कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए थे। मामले की आगे जांच जारी है।