पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा की बेटी बोली::किसके दावे सही हैं और किसके गलत, इंशाअल्लाह बहुत जल्द दुनिया के सामने हो जाएगा​​​​​​​

पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा व पंजाब की पूर्व कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के बेटे अकील अख्तर की मौत के बाद पहली बार उनकी बेटी का बयान सामने आया है। पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा की बेटी निशत अख्तर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि किसके दावे सही हैं और किसके गलत, इंशाअल्लाह बहुत जल्द दुनिया के सामने हो जाएगा। निशत अख्तर ने अपनी पोस्ट में उसके भाई की मौत पर राजनीति करने वालों को कड़ा जवाब दिया और कहा कि सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है और उसकी जांच के बाद गंदी मानसिकता वाले लोगों के पास कहने को कुछ नहीं बचेगा। उन्होंने इस पोस्ट का शीर्षक रखा है एक पोस्ट हलचल मचाने वालों के नाम। अल्लाह और देश के कानून के अलावा किसी से डर नहीं उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मलेरकोटला हाउस वाले हमेशा से कहते आ रहे हैं कि हमें अल्लाह और देश के कानून के अलावा किसी का भी डर नहीं है। अच्छा हुआ कि पर्दे के पीछे रहकर साजिश रचने वाले लोग अब खुलकर सामने तो आ गए हैं। दो दो टके के लिए बिकने वालों के बारे सोचना भी नादानी है निशत अख्तर ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि सच्चाई तो यह है कि दो-दो टके में बिक जाने वाले, बेईमान और बेजमीर लोगों के बारे में सोचना भी हम अपनी बहुत बड़ी नादानी समझते हैं। यह हमारी सोच और स्तर से बहुत नीचे की बात है। बच्चे की मौत परगंदी राजनीति करने वालों को उनकी सही जगह पहुंचाएंगे उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि हम अपने इकलौते बच्चे की दर्दनाक मौत पर गंदी राजनीति करने वालों को उनकी सही जगह दिखाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। यह गंदा खेल अब अपने तार्किक और अंतिम अंजाम तक पहुंचेगा। बीएनएस की धारा 248 का सामना करने के लिए तैयार रहें उन्होंने ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे इकलौते बच्चे की बेवक्त और दर्दनाक मौत पर गंदी राजनीति करने वाले बिकाऊ और बेज़मीर लोग देश के नए कानून BNS की धारा 248 का सामना करने के लिए भी तैयार रहें। क्या है बीएनएस की धारा 248 के प्रावधान किसी व्यक्ति को झूठे आरोप लगाकर परेशान करने या नुकसान पहुंचाने पर धारा 248 का केस दर्ज होता है। किसी व्यक्ति के खिलाफ झूठा आपराधिक मामला दायर करना या झूठा आरोप लगाना, जबकि यह पता हो कि ऐसा करने का कोई वैध आधार नहीं है। पांच साल तक की सजा का है प्रावधान दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की कैद और/या ₹2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। यदि झूठा आरोप किसी ऐसे अपराध के लिए है जिसमें मृत्युदंड, आजीवन कारावास या 10 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, तो सजा 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।