जिला परिषद चुनाव में शिअद ने अपनाई एग्रेसिव अप्रोच::बागी गुट व अकाली दल वारिस पंजाब दे ने बढ़ाई सुखबीर बादल की चिंता
- Admin Admin
- Dec 06, 2025
पंजाब में जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों को लेकर शिरोमणि अकाली दल एग्रेसिव मोड पर काम कर रहा है। शिअद ने चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने इन चुनावों 027 विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने वाला अहम राजनीतिक पड़ाव माना है। उन्होंने पार्टी नेताओं को एग्रेसिव अप्रोच के साथ काम करने को कह दिया है। लेकिन चुनावी तैयारियों के बीच बागी अकाली दल और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के अकाली दल वारिस पंजाब दे ने सुखबीर बादल की चिंता बढ़ा दी है। दोनों गुट सीधे तौर पर शिअद के वोट बैंक में सेंधमारी करेंगे। हलका इंचार्जों को 10 से 15 मीटिंग रोज करने का आदेश सुखबीर बादल ने सभी हलका इंचार्जों को रोजाना कम से कम 10 से 15 राजनीतिक मीटिंग्स करने का टारगेट दिया है। इन बैठकों में बूथ कमेटियों, पंच-सरपंच, असरदार परिवारों और कोर टीम को शामिल करने के निर्देश हैं। उन्होंने जोर देकर कहा है कि किसी भी स्तर पर अगर कार्यकर्ताओं को प्रशासनिक दबाव या राजनीतिक दखल का सामना करना पड़े तो हलका इंचार्ज तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाले।सुखबीर ने स्पष्ट कहा कि शिअद कार्यकर्ताओं व उम्मीदवारों को कोई धमकायेगा या डराएगा तो पूरी पार्टी उसके साथ खड़ी होगी। तरनतारन उपचुनाव के बाद बढ़ा हौसला तरनतारन उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल के शानदार प्रदर्शन ने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है। पार्टी को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव से पहले जिला परिषद व ब्लॉक समिति चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन कर दिया तो 2027 की राह आसान हो जाएगी। कमजोर क्षेत्रों सुखबीर खुद कर रहे दौरा सुखबीर बादल ने जिला परिषद व ब्लॉक समिति चुनाव के लिए जहां हलका इंचार्जों को जिम्मेदारी सौंपी है वहीं उन हलकों में वो खुद भी दौरा कर रहे हैं जहां पर बागी गुट या अमृतपाल की पार्टी के समर्थक ज्यादा हैं। सुखबीर बादल वहां जाकर कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर रहे हैं। अयाली के दाखा हलके में सुखबीर बादल दौरा कर चुके हैं। शिअद की परेशानी के ये हैं मुख्य कारण, जानिए: बागी अकाली नेताओं की गतिविधियां: अकाली दल का सबसे बड़ा सिरदर्द उसका अपना ही बागी खेमा बन रहा है। कई जिलों में बागी नेता ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए। यह बागी नेटवर्क अकाली दल के पारंपरिक वोट बैंक को सीधा नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां स्थानीय स्तर पर पार्टी के प्रति नाराजगी पहले से मौजूद है। अमृतपाल सिंह की पार्टी ने देहात में दबदबा: अमृतपाल सिंह की पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब का ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव है। इसके अलावा कट्टरपंथी समुदाय भी उनकी पार्टी के समर्थन में है। अकाली दल वारिस पंजाब दे कई जगहों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है। ऐसे में अमृतपाल की पार्टी भी शिअद के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकती है। लुधियाना में अयाली की ‘आजाद चाल’ : लुधियाना जिले में दाखा हलके से विधायक व शिअद के बागी नेता मनप्रीत सिंह अयाली ने अपने समर्थकों को इस बार आजाद उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतार दिया है। अयाली की यह चाल शिअद की चिंता और बढ़ा रही है। अयाली दाखा हलके में अच्छा प्रभाव है। अयाली का कहना है कि उन्होंने दाखा हलके में आजाद उम्मीदवार के तौर पर उम्मीदवार उतारे हैं।



