पंजाब के पूर्व फौजी को 24 साल बाद मिला इंसाफ:श्रीलंका में LTTE उग्रवादियों से लड़ते हुए थे घायल, एक्स ग्रेशिया ग्रांट भी मिलेगी
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- Dec 12, 2025
पंजाब के मोहाली जिले के हवलदार तेजिंदर सिंह को 24 साल के लंबे संघर्ष के बाद बैटल कैजुअल्टी पेंशन मिली है। AFT (सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल) चंडीमंदिर ने हवलदार तेजिंदर सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। साथ ही उन्हें बैटल कैजुअल्टी पेंशन देने का आदेश दिया।वह श्रीलंका में LTTE उग्रवादियों से लड़ते हुए घायल हुए थे। उन्होंने अपनी यह लड़ाई ग्रिवांस सेल मोहाली के प्रयास से संभव किया है। वहीं, जैसे ही यह फैसला आया, उसके बाद इलाके में खुशी मनाई गई। 1985 में सेना में हुए भर्ती तेजिंदर सिंह 31 जुलाई 1985 को 3 पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। 1987 में उनकी यूनिट को श्रीलंका में चली सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन पवन के लिए भेजा गया। वहां उन्हें LTTE उग्रवादियों से भारी लड़ाई करनी पड़ी। एक दिन रोड ओपनिंग पार्टी के दौरान अचानक हुए हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी बांह, कोहनी, गर्दन, पीठ और कंधे पर गोलियां लगीं। लेकिन उनकी जान बच गई। उन्हें तुरंत हेलिकॉप्टर से मिलिट्री हॉस्पिटल मद्रास भेजा गया, जहां लंबे समय तक इलाज चला। इलाज के बाद उन्हें मेडिकल कैटेगरी में लाया गया, पर सेवा करने की अनुमति मिल गई। 16 साल से ज्यादा सेवा के बाद वह 30.09.2001 को रिटायर हुए। रिटायरमेंट समय उन्हें अंग विकलांगता पेंशन दिए जाने का भरोसा तो दिया गया, लेकिन पेंशन शुरू नहीं की गई। तेजिंदर सिंह ने कई साल तक अपनी यूनिट से संपर्क किया, लेकिन कोई हल नहीं मिला। इसके बाद यह जंग लड़ी। अदालत ने फैसले यह चीज सुनाई अदालत के फैसले अनुसार तेजिंदर सिंह 2001 से 2006 तक 40 फीसदी बैटल कैजुअल्टी पेंशन और 2006 से मौजूदा समय तक 75 फीसदी बीसी पेंशन के हकदार माने गए। उन्हें कुल 35 लाख रुपए बकाया रकम का भुगतान हो चुका है। वहीं, 60,200 रुपए बैटल कैजुअल्टी पेंशन ले रहे हैं, जो पेंशन नहीं बल्कि वेतन के 75 फीसदी के बराबर है। इसके अलावा वह पंजाब सरकार के दस लाख रुपए एक्स-ग्रेशिया व अन्य लाभ के हकदार हैं। मेडिकल के बाद भी पेंशन नहीं मिली 2015 में चंडीमंदिर कमांड हॉस्पिटल में उनका दोबारा मेडिकल बोर्ड हुआ, जिसमें 50% डिसेबिलिटी पेंशन की सिफारिश की गई। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिर में एक्स सर्विसमैन ग्रीवेंसेज सेल ने उनकी तरफ से AFT (सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल) चंडीमंदिर में केस दाखिल किया। अदालत ने हवलदार तेजिंदर सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें बैटल कैजुअल्टी पेंशन देने का आदेश दिया। लेफ्टिनेंट कर्नल एस.एस. सोही (रिटा.) ने कहा कि उनका मिशन है कि ड्यूटी या जंग में घायल हर सैनिक को उसका हक और सम्मान मिले।उन्होंने कहा कि यह जीत सिर्फ तेजिंदर सिंह की नहीं, बल्कि हर उस सैनिक की जीत है जो देश के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है।



