एनएचएम कर्मियों को दो माह से वेतन नहीं मिला:रोपड़ में स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर प्रदर्शन, सरकार पर वादा न पूरा करने का लगाया आरोप

पंजाब में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत कार्यरत कर्मचारियों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिला है। इसके विरोध में एनएचएम इम्प्लॉइज़ यूनियन पंजाब के आह्वान पर कर्मचारियों ने प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दीं हैं। कर्मचारियों ने रूपनगर में सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में संविदा आधार पर लगभग 9,000 एनएचएम कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रदर्शन के दौरान यूनियन के प्रतिनिधि सुखजीत कंबोज ने कहा कि सरकार पिछले डेढ़ साल से एनएचएम कर्मियों के साथ लगातार अन्याय कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बेहद कम वेतन पर और संविदा आधार पर काम करने के बावजूद एनएचएम कर्मचारी प्रदेश की स्वास्थ्य योजनाओं को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन सरकार का रवैया उनके प्रति उपेक्षापूर्ण है। आप ने किया था नियमित करने का वादा, अब वेतन के भी लाले उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सत्ता में आने के बाद एनएचएम कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। साढ़े तीन साल बाद भी न तो वेतन वृद्धि हुई और न ही नियमितीकरण की दिशा में कदम उठाया गया। कंबोज ने बताया कि इसके बजाय पिछले डेढ़ साल से कर्मचारियों को हर माह की तनख्वाह के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वेतन न मिलने के कारण पूरे प्रदेश में कर्मचारियों में सरकार के प्रति असंतोष बढ़ रहा है। तुरंत वेतन जारी नहीं हुआ तो तेज होगा आंदोलन यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अक्टूबर और नवंबर महीने का बकाया वेतन तुरंत जारी नहीं किया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि सरकार एनएचएम कर्मचारियों की लंबित मांगों पर तत्काल कार्रवाई करे और हर महीने की 5 तारीख से पहले वेतन जारी करने की पुख्ता व्यवस्था बनाए। नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो कर्मचारी "नो पे – नो वर्क" नीति के तहत काम बंद कर देंगे। इस विरोध प्रदर्शन में डॉली सिंगला, मनजीत सिंह, अमरजीत सिंह, इंदरजीत सिंह, जतिन्दर कुमार, चरणजीत कौर, किरणदीप कौर, हर्नीत कौर, मनीषा, रजिन्दर सिंह, प्रदीप कुमार सहित बड़ी संख्या में एनएचएम कर्मचारी शामिल हुए।