बूथ लेवल अधिकारियों ने सालनपुर बीएलओ कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन

आसनसोल, 12 दिसंबर (हि. स.)। सालानपुर ब्लॉक के बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स) शुक्रवार सुबह अचानक ही बीडीओ कार्यालय के सामने एकजुट होकर अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन में उतर आए। लगभग 143 बीएलओ फ्लेक्स बोर्ड और पोस्टर लेकर समष्टि विकास कार्यालय के सामने खड़े हुए और प्रशासन एवं चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।

बीएलओ का आरोप है कि उन्होंने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन से जुड़ा पूरा काम समय पर पूरा कर दिया, लेकिन चुनाव आयोग की ओर से बार-बार नए ऐप के जरिए उसी काम को दोहराने का दबाव बनाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पहले उन्हें एन्यूमरेशन फॉर्म बांटने और संग्रह करने का निर्देश मिला।

उसके बाद सभी फॉर्म को ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश दिया गया।

अब जिन फॉर्म में त्रुटि पाई गई है, उनका दोबारा घर-घर जाकर सत्यापन, नए डेटा का संग्रह और फिर से सबमिशन करने का निर्देश दिया जा रहा है।

कर्मियों का कहना है कि बार-बार एक ही काम को करने के निर्देश से कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही शारीरिक अवस्था खराब होने के बाद भी कार्य को समय पर पूरा करने का निर्देश है जिसको लेकर बूथ लेवल अधिकारी काफी परेशान है।

बीएलओ ने स्पष्ट कहा कि वे महीनों से कड़ी मेहनत कर फील्डवर्क कर रहे हैं। लेकिन बार-बार नया ऐप, नया फॉर्मेट और दोबारा सत्यापन जैसे आदेश उनके लिए मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का दबाव पैदा कर रहे हैं।

एक बीएलओ ने कहा कि बूथ लेवल ऑफिसर ने अपने हर जिम्मेवारी का पालन अच्छी तरह से किया है लेकिन अंतिम समय में और अतिरिक्त जिम्मेदारी दिए जाने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही सिस्टम की गड़बड़ी को लेकर भी परेशानियां उठानी पड़ रही है।

प्रदर्शन के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने अपनी शिकायतें और मांगें मौखिक रूप से बीडीओ अधिकारी को भी सौंपीं।

बीएलओ ने मांग की कि अनावश्यक ऐप-आधारित दोबारा काम बंद किया जाए, वास्तविक त्रुटियों का ही सत्यापन कराया जाए, फील्ड स्टाफ पर अतिरिक्त बोझ डालने वाले निर्देशों की समीक्षा की जाए। ब्लॉक में इतनी बड़ी संख्या में बीएलओ का एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करना अपने आप में दुर्लभ है।

इस घटना के बाद प्रशासनिक हलकों और स्थानीय निवासियों के बीच चर्चा तेज हो गई है। कई लोग मानते हैं कि चुनाव कार्यों में बार-बार बदलाव और डिजिटल प्रक्रियाओं की जटिलता, ज़मीनी स्तर के कर्मचारियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।

खबर लिखे जाने तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं मिली थी। लेकिन बीएलओ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं मिला, तो आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है। ---------------

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष विश्वकर्मा