राजस्थान में हेल्थ एवं वेलनेस क्षेत्र की कैपिटल बनने की सभी संभावनाएं मौजूद - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

जयपुर, 10 दिसंबर(हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में हेल्थ एवं वेलनेस कैपिटल बनने की तमाम संभावनाएं एवं क्षमता मौजूद हैं। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के साथ ही प्रवासी राजस्थानियों का सहयोग इस सपने का जल्द साकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्य-3 एवं वर्ष 2030 तक यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज की दिशा में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने की ओर राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की स्थापना, मेडिकल टूरिज्म, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, वन हेल्थ रिसर्च सेंटर्स, फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस मैन्यूफैक्चरिंग, एआई सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं राजस्थान में मौजूद हैं। प्रवासी राजस्थानी इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मुख्यमंत्री बुधवार को जेईसीसी में प्रवासी राजस्थानी दिवस समारोह के अवसर पर स्वास्थ्य विषय पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार बेहतर नीति के साथ काम कर ही है। प्रदेश में निरंतर मेडिकल कॉलेजों का विस्तार हो रहा है। विगत दो वर्ष में 7 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं और 15 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की दिशा में कार्य किया जा रहा है। दो वर्षों में करीब 2200 नई एमबीबीएस, पीजी और सुपर स्पेशलिटी कोर्स की सीटें बढ़ाई गई हैं। अब राजस्थान वन हेल्थ यानी मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य के एकीकृत दृष्टिकोण को लेकर आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हर व्यक्ति के इलाज खर्च की चिंता करते हुए मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना प्रारंभ की, जिसमें 25 लाख रूपए तक का कैशलेस इलाज मिल रहा है। मा योजना के तहत 35 लाख लोगों को निःशुल्क उपचार मिला है। निःशुल्क जांच योजना में 30 करोड़ जांच कर 9 करोड़ मरीजों को राहत प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के तहत 10 करोड़ 34 लाख रोगियों को निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं। गंभीर बीमारियों की दवाएं पूरी तरह निःशुल्क मिल रही हैं। मा वाउचर योजना के तहत 2 लाख 25 हजार गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क सोनोग्राफी की गई हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आयुष पद्धति की 100 से अधिक देशों में पहुंच संभव हुई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार भी आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा दे रही है। इस क्षेत्र में निवेशकों के लिए नए अवसर विकसित हो रहे हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राजस्थान का स्वास्थ्य मॉडल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में मिसाल पेश कर रहा है। आने वाले समय में राज्य में विश्वस्तरीय चिकित्सा संस्थानों की स्थापना के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया जाएगा। इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान में हुए एमओयू तेजी से धरातल पर आ रहे हैं। राज्य सरकार की हील इन राजस्थान नीति मेडिकल ट्यूरिज्म को आकर्षित करने की दिशा में बड़ा कदम है।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता इससे इंगित होती है कि विगत वर्षों के बजट में इस क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। कुल बजट का 8 प्रतिशत से अधिक बजट स्वास्थ्य क्षेत्र को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सा संस्थानों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के रूप में परिवर्तित किया गया है, जहां 12 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। टेलीमेडिसिन के माध्यम से गांवकृढाणी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलना संभव हुई हैं।

खींवसर ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी दूर करने के लिए मिशन मोड में काम करते हुए 35 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण की है। इनमें से 27 हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं एवं 15 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। मा योजना में प्रतिदिन करीब 10 हजार रोगियों को 10 करोड़ रूपए का उपचार निःशुल्क मिल रहा है। श्री खींवसर ने बताया कि चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च स्तरीय मानकों की दृष्टि से जयपुर में एम्स की तर्ज पर रिम्स की स्थापना की जा रही है। उन्होंने डिजिटल हेल्थ मॉडल पर भी जोर देते हुए कहा कि तकनीक ने स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी, तेज और सुगम बनाया है। हमारे प्रवासी राजस्थानी प्रदेश के स्वास्थ्य मॉडल को और मजबूती प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य सामाजिक न्याय का सबसे मूलभूत अधिकार है और यह तभी सार्थक है जब समाज के सभी वर्गों को समान अवसर और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राजस्थान निवेश के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राइजिंग राजस्थान में हुए एमओयू तेजी से धरातल पर साकार रूप ले रहे हैं। राजस्थान का हेल्थ सेक्टर सबसे बेहतरीन है, जिससे हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं सुगमता से सुलभ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में प्रवासी राजस्थानियों को अनुभव एवं सहयोग राज्य के समग्र विकास को नई दिशा देगा।

महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि एनीमिया नियंत्रण, सुरक्षित मातृत्व, नवजात देखभाल, किशोरी पोषण, एचपीवी वैक्सीनेशन और आंगनबाड़ी सेवाओं के आधुनिकीकरण से राजस्थान में स्वास्थ्य सूचकांकों में आशातीत सुधार दर्ज किए जा रहे हैं। राजस्थान सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी महिला एनीमिया से पीड़ित न रहे और कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार न हो। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से आह्वान किया कि वे महिला स्वास्थ्य, पोषण, डिजिटल मॉनिटरिंग तथा मानसिक स्वास्थ्य अभियानों में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ सहयोग दें, जिससे राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूती मिले।

सत्र में सीआईआई राजस्थान के उपाध्यक्ष रजनीश भंडारी, डॉ. जयवीर सिंह राठौड़, डॉ. विपिन गोयल, संजय झवर, डॉ. मोहनलाल स्वर्णकार और प्रो. विमल शर्मा सहित अन्य विषय विशेषज्ञों ने नवाचार-आधारित स्वास्थ्य मॉडल, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में प्रवासियों की भूमिका, महिला स्वास्थ्य, डिजिटल हेल्थ और मेड-टेक पर व्यापक विचार प्रस्तुत किए।

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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर