सोनीपत, 11 दिसंबर (हि.स.)। सोनीपत
में जिला पार्षद संजय बड़वासनिया को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पूर्व उनके आवास से
गुरुवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्होंने इसे लोकतंत्र का हनन बताते हुए कहा
कि सरकार जानबूझकर आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ठेका प्रथा पूरी
तरह कर्मचारियों का शोषण है और इसके खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। चुनाव से पहले किए
गए वायदे पूरे किए जाएं तथा ठेकाकर्मी, अनुबंधित और कच्चे कर्मचारियों को नियमित किया
जाए।
बड़वासनिया
का कहना है कि वह मुख्यमंत्री को ठेका प्रथा समाप्त करने और समान कार्य समान वेतन लागू
करने की मांग का ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने इससे पहले ही उन्हें हिरासत
में ले लिया। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई में मिलने वाला 10 हजार 900 रुपये का वेतन ऊंट
के मुंह में जीरे के समान है, जिससे परिवार का पालन मुश्किल है। जिला पार्षद ने स्पष्ट
किया कि वह किसी भी दबाव में नहीं आएंगे और कर्मचारियों के अधिकारों तथा जनता के हितों
के लिए उनका संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जनहित के मुद्दों
पर संवेदनशील होना चाहिए तथा कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना



