दहेज हत्या में पति और सास को 10 वर्ष का कठोर कारावास
- Admin Admin
- Dec 11, 2025
23 वर्ष पुराना मामला, कोर्ट ने सुनाया फैसला – प्रत्येक पर 10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया
औरैया, 11 दिसंबर (हि. स.)। न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) अतीक उद्दीन की अदालत ने 23 वर्ष पुराने दहेज हत्या के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए पति और सास को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। दोनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। यह मामला अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम चपटा में नवविवाहिता की जलकर हुई संदिग्ध मृत्यु से संबंधित था।
अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने गुरुवार काे बताया कि वादी रामचरन ने 2002 में अपनी पुत्री मंदाकिनी की संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मृत्यु होने पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी करीब दो वर्ष पहले चपटा निवासी रामकुमार उर्फ रामू के साथ की थी और अपनी हैसियत के अनुसार दहेज भी दिया था। लेकिन आरोप है कि शादी के बाद पति, सास और ससुर लगातार सोने की जंजीर व बाइक की मांग को लेकर मृतका को प्रताड़ित करते थे।
घटना 21 मई 2002 की है, जब शाम तकरीबन 6 बजे गांव का एक व्यक्ति बाइक से वादी के घर पहुंचा और बताया कि उनकी पुत्री आग से जल गई है। वादी के पहुंचने पर बेटी मृत अवस्था में मिली। इस आधार पर वादी ने तीनों पर दहेज हत्या व दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद पति रामकुमार उर्फ रामू, सास रामबेटी और ससुर लल्लू उर्फ लटूरे के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। मुकदमा लंबा चला और सुनवाई के दौरान ससुर की मृत्यु हो गई। बचाव पक्ष ने अदालत में इसे आत्महत्या का मामला बताया, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कठोर दंड की मांग की।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने पति रामकुमार उर्फ रामू व 75 वर्षीय सास रामबेटी को दोषी मानकर 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10-10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माने की जमा की गई धनराशि का आधा हिस्सा वादी को दिया जाएगा। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों दोषियों को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार



