नीतीश कुमार की पहल से शुरू मेधा दिवस बना बिहार के शैक्षिक गौरव का प्रतीक : अंजुम आरा

पटना, 3 दिसंबर (हि.स.)। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा नेकहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर देश के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ.राजेंद्र प्रसाद की जयंती के मौके पर शुरु मेधा दिवस बिहार के शैक्षिक गौरव का प्रतीक है।

डाॅ. राजेंद्र प्रसाद की जन्म-जयंती को मेधा दिवस के रूप में मनाने की पहल आज बिहार की एक गौरवपूर्ण और विशिष्ट परंपरा बन चुकी है। यह पहल केवल बिहार में विकसित हुई है और देश के किसी अन्य राज्य में डाॅ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती को इस प्रकार के व्यापक मेरिट-उत्सव के रूप में नहीं मनाया जाता।

अंजुम आरा ने कहा कि विद्यालयों और महाविद्यालयों में आयोजित निबंध लेखन, वाद-विवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा मेधावी छात्रों का सम्मान ये सभी गतिविधियां बिहार को एक अलग और प्रेरणादायक पहचान प्रदान करती हैं।

उन्होंने कहा कि मेधा दिवस की औपचारिक शुरुआत वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई थी। यह निर्णय डाॅ. राजेंद्र प्रसाद की विद्वता, सादगी और राष्ट्रसेवा से प्रेरित होकर युवाओं में ज्ञान, प्रतिभा और नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया था।

इस दौरान बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ज्ञान भवन, पटना में मैट्रिक व इंटर के टाॅपर्स को नकद पुरस्कार, टैबलेट और छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इस प्रकार की सुव्यवस्थित एवं संस्थागत राज्य-स्तरीय सम्मान प्रणाली देश के अन्य किसी राज्य में इस रूप में उपलब्ध नहीं है। यह पहल बिहार के प्रतिभा-सम्मान माॅडल को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट बनाती है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मेधा दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने का सुझाव दिया है। यह बिहार के शैक्षिक उत्थान, मेधा-प्रोत्साहन और सुशासन के सफल माॅडल का प्रमाण है, जिसने राज्य में शिक्षा सुधार और प्रतिभा विकास की दिशा में नई ऊर्जा प्रदान की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी