धमतरी : भारतमाला भूमि मुआवजा घोटाले की सीबीआई जांच की मांग

धमतरी, 5 दिसंबर (हि.स.)।

भारतमाला परियोजना (रायपुर–विशाखापट्टनम मार्ग / राष्ट्रीय राजमार्ग-130सीडी) के भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर कथित फर्जीवाड़ा और संगठित भ्रष्टाचार के विरोध में भारतीय जनाधिकार पार्टी ने आंदोलन तेज कर दिया है। मांगों को लेकर पांच दिसंबर से गांधी मैदान, एसडीएम कार्यालय के सामने पार्टी अध्यक्ष दीपक दुबे की उपस्थिति में अनिश्चितकालीन धरना और क्रमिक भूख हड़ताल शुरू हुआ।

पार्टी के प्रदेश महासचिव विन्धेश सिंह राठौर ने आरोप लगाया गया कि यह घोटाला राज्य के 11 जिलों—रायपुर, धमतरी, दुर्ग, महासमुंद, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, बस्तर और जांजगीर-चांपा—में फैला है, फिर भी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की जांच सीमित और पक्षपातपूर्ण रही है।

जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण काल के दौरान एक स्थानीय जनप्रतिनिधि के आवास से रजिस्ट्री तथा मुआवजा फ़ाइलों का संचालन किए जाने के आरोप हैं। एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, रजिस्ट्रार सहित कई अधिकारियों तथा परिजनों के नाम पर करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान का दावा किया गया है, जबकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसी तरह रायपुर–अभनपुर क्षेत्र में पुराने दिनांक से नामांतरण, कृत्रिम बंटवारा और नकली संस्थाओं के माध्यम से करोड़ों की हेराफेरी का आरोप है, जहां 150 से अधिक संदिग्ध लाभार्थियों में केवल चार गिरफ्तारियां हुई हैं। दुर्ग जिले में 1349 किसानों की भूमि का गलत मूल्यांकन तथा महासमुंद में 130 जाली बैंक खातों के माध्यम से राशि स्थानांतरण की शिकायतों पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पार्टी ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सीबीआई, मुख्य सचिव, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ज्ञापन सौंपकर समस्त जिलों की संयुक्त जांच, दोषी अधिकारियों और दलालों की गिरफ्तारी, फर्जी भुगतान की वसूली तथा वास्तविक किसानों और आदिवासियों को भूमि अधिग्रहण कानून के तहत दोगुना मुआवजा और ब्याज देने की मांग की है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा