मुंबई,8, दिसंबर ( हि. स.) । केंद्र और महाराष्ट्र सरकारों ने 2027 तक ज़ीरो लेप्रोसी प्रिवेलेंस हासिल करने का लक्ष्य घोषित किया है और उसी के अनुसार, पूरे राज्य में लेप्रोसी पहचान अभियान चलाया गया। इसी के तहत, ठाणे ज़िले के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर डॉ. श्रीकृष्ण पांचाल और चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव ऑफ़िसर मनोज रानाडे के मार्गदर्शन में ठाणे ज़िले में इस अभियान को असरदार तरीके से लागू किया गया। यह अभियान ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ ज़्यादा जोखिम वाले शहरी इलाकों में भी 100 प्रतिशत लागू किया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समुदाय में बिना पहचाने गए कुष्ठ रोगियों का पता लगाना, उन्हें तुरंत मल्टी-ड्रग थेरेपी (MDT) देना, नए संक्रामक रोगियों से होने वाले संक्रमण की चेन को तोड़ना और लोगों में जागरूकता फैलाकर कुष्ठ रोग के बारे में डर और गलतफ़हमियों को दूर करना था। असिस्टेंट डायरेक्टर (लेप्रोसी) डॉ. मनीष रेंगे ने कहा कि यह पहल 2027 तक ज़ीरो लेप्रोसी प्रिवेलेंस हासिल करने में अहम होगी।
लेप्रोसी के लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी है और लक्षणों में स्किन पर पीला या लाल, हल्के धब्बे, उस जगह पर पसीना न आना, स्किन पर गांठें, कान के लोब का मोटा होना, भौंहों का पतला होना, हथेलियों और तलवों में झुनझुनी या सुन्नपन, उंगलियों या पैर की उंगलियों का टेढ़ा होना, सेंसेशन की कमी, चलते समय चप्पल का फिसलना और हाथों से कोई चीज़ गिरना शामिल हैं। अगर ऐसे लक्षणों का तुरंत इलाज न किया जाए, तो डिफॉर्मिटी हो सकती हैं, इसलिए जल्दी डायग्नोसिस बहुत ज़रूरी है।
इस कैंपेन के दौरान, ठाणे ज़िले के ग्रामीण इलाकों में कुल 1,058 टीमों ने 1,395,738 लोगों की जांच की। हेल्थ वर्कर्स ने 3,34,715 घरों का दौरा किया। जांच के दौरान 7,392 संदिग्ध मरीज़ मिले, जिनमें से 6,078 की मेडिकल जांच की गई और 105 नए लेप्रोसी मरीज़ों का पता चला। ग्रामीण इलाकों में तालुका के हिसाब से आंकड़ों के मुताबिक, अंबरनाथ, मुरबाद, शहापुर, भिवंडी और कल्याण तालुका में सबसे ज़्यादा आबादी को कवर किया गया है और शहापुर और भिवंडी तालुका में सबसे ज़्यादा डायग्नोस हुए केस दर्ज किए गए हैं।
जिले के म्युनिसिपल और नगर निगम इलाकों में 2,431 टीमों ने 9,22,960 घरों का दौरा किया और 39,80,258 लोगों की जांच की। इनमें से 24,239 संदिग्ध मरीज़ मिले। इनमें से 20,956 लोगों की जांच के बाद 85 नए कुष्ठ मरीज़ों का डायग्नोस हुआ। जिले में ग्रामीण, शहरी, म्युनिसिपल और नगर निगम इलाकों में कुल 186 कुष्ठ मरीज़ मिले हैं।
यह पूरा कैंपेन हेल्थ डिपार्टमेंट, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, म्युनिसिपल हेल्थ डिपार्टमेंट, आशा सेविका, हेल्थ असिस्टेंट, NGO और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के सहयोग से सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इस कैंपेन ने लोगों को यह बताने में बड़ी भूमिका निभाई है कि कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है और इसके लिए मुफ़्त दवाइयाँ उपलब्ध हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा



