आमजन की समस्याओं के निस्तारण के लिए अब जेडीए में शुरू होगी ई-जनसुनवाई

जेडीए

जयपुर, 29 दिसंबर (हि.स.)। जयपुर विकास प्राधिकरण में नागरिकों की सुविधा और शिकायत निवारण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए शीघ्र ही ई-जनसुनवाई' प्रणाली लागू की जाएगी। यह जानकारी जेडीसी सिद्धार्थ महाजन ने पदभार ग्रहण के बाद दी।

वर्तमान में जेडीए में शिकायत दर्ज कराने या समस्याओं के निवारण के लिए नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से कार्यालय में उपस्थित होना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक ही शिकायत के लिए कई बार आना-जाना, विभिन्न कर्मचारियों व अधिकारियों के चक्कर लगाना, समय और संसाधनों का अपव्यय जैसी चुनौतियां आम हैं। जेडीसी महाजन ने बताया कि इस डिजीटल पहल का मुख्य उद्देश्य आमजन की परेशानी कम करना, प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। 'ई-जनसुनवाई' प्रणाली नागरिकों और जेडीए, दोनों के समय व संसाधनों के दक्ष उपयोग में सहायक होगी। इस नई व्यवस्था से जेडीए की सेवाओं में डिजिटल सुधार की एक नई शुरुआत होगी और नागरिकों को त्वरित व प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली उपलब्ध हो सकेगी। जेडीए में अब प्रत्येक जोन के उपायुक्त प्रत्येक तिमाही में एक बार मीडिया से रूबरू होंगे तथा जोन में हुए कार्यो व लंबित कार्यो के बारे में मीडिया को जानकारी उपलब्ध करवाएंगे। जिससे आमजन को जोन की गतिविधियों की जानकारी अधिकृत रूप से नियमित मिलेगी। प्रत्येक तिमाही में आयोजित होने वाली इस जोन स्तरीय प्रेस वार्ता में जोन उपायुक्त पूर्ण तैयारी व सूचनाओं के साथ उपस्थित होंगे, जिससे आमजन को जेडीए द्वारा संपादित कार्यो व लंबित कार्यो का पूर्ण विवरण घर बैठे ही समय—समय पर उपलब्ध हो सके।

ई जनसुनवाई में इन समस्याओं का होगा निस्तारण

नागरिक अपनी शिकायतें ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे। शिकायत प्राप्त होते ही उसे स्वत: ही संबंधित जोन या विभाग को जांच और कार्रवाई के लिए भेज दिया जाएगा। आवश्यक कार्रवाई के उपरांत, प्रार्थी को ई-प्लेटफॉर्म के जरिए ही उनकी शिकायत के समाधान की सूचना दी जाएगी। यदि कार्य निस्तारण में कोई बाधा आती है, तो उसकी जानकारी भी प्रार्थी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही दी जाएगी, ताकि नागरिक को बार-बार चक्कर लगाने की आवश्यकता न पड़े। आवश्यकता पडऩे पर अधिकारी प्रार्थी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधी चर्चा भी कर सकेंगे। इस नई व्यवस्था के तहत लंबित पड़े पुराने प्रकरणों का निस्तारण भी प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश