फरीदाबाद: सरपंचों ने पुलिस आयुक्त काे शिकायत में कहा, थानाें में एफआईआर तक के रेट हैं तय

फरीदाबाद, 8 दिसंबर (हि.स.)। फरीदाबाद जिले के धौज क्षेत्र में तैनात थाना प्रभारी पर रिश्वतखोरी, अवैध वसूली, डराने-धमकाने और थाने में मनमाने ढंग से काम करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों को किसी एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि धौज क्षेत्र के दस गांवों के सरपंचों ने सामूहिक रूप से पुलिस आयुक्त के समक्ष रखा है। सरपंचों ने दो माह पहले पुलिस आयुक्त को एक लिखित शिकायत देकर थाना प्रभारी की सभी गतिविधियों का विस्तृत विवरण सौंपा था, परंतु शिकायत दर्ज होने के बाद भी अब तक किसी प्रकार की सख्त कार्रवाई न होने से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है।

सौंपे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि थाना प्रभारी नरेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बाकायदा दरें तय कर रखी थीं। सरपंचों का कहना है कि किसी व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए एक लाख रुपये तक की मांग की जाती थी। कई मामलों में वह अपने परिचितों के माध्यम से पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों से पैसा वसूलता था। शिकायत में यह भी लिखा गया है कि कई बार दोनों पक्षों से खाली पन्नों पर हस्ताक्षर करवा लिए जाते थे और बाद में उन पर दबाव बनाकर समझौते कराए जाते थे। सरपंचों का आरोप है कि थाना प्रभारी अक्सर यह कहकर लोगों को डराता था कि “यहां थानेदार भी मैं हूं और मजिस्ट्रेट भी, जैसा कहूंगा वैसा ही होगा।” रात के समय थाने में तैनात कई पुलिसकर्मी नशे की हालत में मिलते थे और शिकायत करने आए लोगों से अपमानजनक व्यवहार किया जाता था। रुपये न देने पर कई लोगों की शिकायत तक नहीं सुनी जाती थी।

सरपंचों ने सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी लापरवाही का उल्लेख करते हुए बताया कि हाल ही में धौज क्षेत्र में अल-फलाह विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था, जो थाने से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर रखा हुआ था, परंतु थाना प्रभारी को इसकी जानकारी तक नहीं थी। इसे उन्होंने गंभीर चूक बताया है। सरपंचों ने पुलिस आयुक्त से थाना प्रभारी की चल-अचल संपत्ति, बैंक जमा राशि और अवैध कमाई की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस पूरे मामले की जांच किसी विशेष दल से कराई जाए, तो थाना प्रभारी की सभी गलत गतिविधियां सामने आ जाएंगी।

इस पूरे प्रकरण पर उपायुक्त पुलिस अभिषेक जोरवाल ने कहा कि सरपंचों की शिकायत पुलिस आयुक्त कार्यालय में प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच मुजेसर क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त को सौंपी गई है। सरपंचों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर शीघ्र विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग