सिरमौर में गरीब छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए 5.24 लाख जारी
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- Dec 12, 2025
नाहन, 12 दिसंबर (हि.स.)।जिला सिरमौर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अलाभित समूह के छात्र-छात्राओं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से निजी स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति के लिए 5.24 लाख रुपए की राशि जारी कर दी है।
उप निदेशक स्कूल शिक्षा (प्रारंभिक) राजीव ठाकुर ने बताया कि जिला सिरमौर में गरीब छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों के कारण यह लाभ अब निजी पाठशालाओं में गरीब छात्रों को मिलना शुरू हो गया है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 की प्रथम छमाही के लिए कुल 5,24,190 रुपए की राशि संबंधित मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति के लिए जारी कर दिए हैं।
उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 में पहली बार 6 पाठशालाओं के 11 छात्र-छात्राओं को कुल 1,91,100 की राशि जारी की गई थी। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में यह राशि बढ़कर 11 पाठशालाओं के 39 छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति के लिए 5,83,296 रुपए हो गई।
वहीं, शैक्षणिक सत्र 2025-26 (प्रथम छमाही) में अब 21 पाठशालाओं के कुल 68 छात्र-छात्राओं की फीस प्रतिपूर्ति के लिए 5,24,190 रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि शेष द्वितीय छमाही के लिए भी लगभग इतनी ही राशि वितरित करने के लिए मामला विभाग को भेजा जाना प्रस्तावित है।
शिक्षा उपनिदेशक ने बताया कि जिला की सभी निजी पाठशालाओं को निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्येक सत्र में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों के प्रवेश के लिए विभिन्न प्रचार माध्यमों से योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रचारित करें। इसके साथ ही इस प्रावधान को अपने प्रॉस्पेक्टस में भी शामिल करना अनिवार्य है।
विभाग ने उच्च न्यायालय द्वारा CWP-3807/2022 (Smt. Namita Manikatala v/s State) के मामले में पारित आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने साफ किया कि इस महत्वाकांक्षी योजना को सही रूप से लागू करने के लिए दिसंबर 2023 और नवंबर 2025 में जिला व ब्लॉक स्तर पर निगरानी समिति का गठन किया जा चुका है।
उन्होंने निजी स्कूल प्रबंधकों से अपील की कि वे समाज के गरीब वर्ग के छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करें। उन्होंने चेताया कि यदि इस योजना को लागू करने में किसी प्रकार की कोताही बरती गई तो प्रशासन द्वारा आरटीई एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उप निदेशक ने आम जनता से भी अपील की कि वे सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं और गरीब परिवार के बच्चों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों में प्रवेश के लिए जागरूकता फैलाएं। पात्रता के लिए नियमानुसार बीपीएल प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है। अधिक जानकारी के लिए पाठशाला प्रबंधन, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी या उप निदेशक स्कूल शिक्षा (प्रारंभिक) कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर



