कृषि विश्वविद्यालय ने ईजाद की हिना हार्वेस्टर मशीन

जोधपुर, 02 दिसम्बर (हि.स.)। नवाचारों की श्रेणी में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज करवाते हुए एक बार पुन: कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने मारवाड़ के किसानों को बड़ी सौगात दी है। दरअसल लंबे समय से मेहंदी उत्पादक किसानों के लिए मेहंदी कटाई के लिए मौसमी बदलाव, श्रमिकों की उपलब्धता व बढ़ती हुई मजदूरी दर समस्या बनी हुई है। इस के समाधान के लिए कृषि विश्वविद्यालय ने तकनीकी नवाचार करते हुए हिना हार्वेस्टर मशीन ईजाद की। इसी कड़ी में मंगलवार को किसानों को बड़ी राहत देते हुए विश्वविद्यालय के किसान कौशल विकास केंद्र व इंडिया एक्सिम बैंक के सहयोग से सोजत में विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो डॉ वीएस जैतावत ने हिना हार्वेस्टर मशीन को सोजत मेहंदी किसान समिति को हस्तांतरित किया।

मेहंदी हार्वेस्टिंग मशीन बनाना स्वप्न पूरा होने जैसा :

कुलगुरु प्रो. जैतावत ने कहा कि मेहंदी हार्वेस्टिंग मशीन बनाना स्वप्न पूरा होने जैसा है। विश्व पटल पर सोजत की मेहंदी मशहूर है, ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों की समस्याओं का समाधान करना महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि मौसमी बदलाव के चलते नियत समय में मेहंदी कटाई आवश्यक है लेकिन कुशल श्रमिक मिलना, महंगी लागत और नियत समय में कार्य पूरा न होने से पत्तियां खराबा सोजत के किसानों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही थी, जिसका समाधान कृषि विश्वविद्यालय ने किया है।

सोजत 90 से 95 प्रतिशत मेहंदी उत्पादन के साथ प्रमुख निर्यात केंद्र :

किसान कौशल विकास केंद्र के प्रभारी डॉ प्रदीप पगारिया ने बताया कि सोजत 90 से 95 प्रतिशत मेहंदी उत्पादन के साथ प्रमुख निर्यात केंद्र है। मौसमी बदलावों के चलते फसल तैयार होने के बाद 10 से 12 दिन में मेहंदी की कटाई करना आवश्यक होता है, और उस वक्त एक दिन की लेबर 1200 से 2500 के बीच आती है, ये किसानो की मुख्य समस्या है। यह हिना हार्वेस्टर 1 दिन में 10 से 12 बीघा की कटिंग कर देती है, और इस से प्रति बीघा खर्च 800 से 1000 रुपए आता है जबकि श्रमिकों से कटाई में प्रति बीघा खर्च 4000 रुपए पड़ता है। जो किसान को अत्यधिक महंगा पड़ रहा है। इस मशीन से समय की भी अत्यधिक बचत होती है। साथ ही पत्तियों की क्वालिटी भी मेंटेन व एक जैसी रहती है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश