श्रम विभाग में वर्क स्लिप घोटाले पर मुख्यमंत्री ने नौ जिलों से मांगी रिपोर्ट

चंडीगढ़, 31 दिसंबर (हि.स.)। श्रम विभाग में हुए करीब 1500 करोड़ के वर्क स्लिप घोटाले का मुख्यमंत्री नायब सैनी ने संज्ञान लिया है। सीएम ने प्रदेश के शेष नाै जिलों से भी जांच रिपोर्ट मांग ली है। इसके बाद इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने अथवा इसी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के संबंध में फैसला लिया जाएगा।

अनिल विज ने मुख्यमंत्री को इस मामले की जांच के लिए पत्र लिखने के अलावा 13 जिलों के संबंध में एक रिपोर्ट भी भेजी है। अनिल विज के निर्देश पर करीब चार माह पहले रिपोर्ट लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। जिसके आधार पर करनाल, रेवाड़ी, नूंह (मेवात), महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर, पलवल, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, पंचकूला, सिरसा और कैथल में कुल 5 लाख 99 हजार 758 वर्क स्लिप जारी की गई थीं, जिनमें से केवल 53 हजार 249 वर्क स्लिप वैध पाई गईं, जबकि 5 लाख 46 हजार 509 वर्क स्लिप अवैध पाई गईं। इसी प्रकार, कुल 2 लाख 21 हजार 517 श्रमिकों के पंजीकरण में से सत्यापन के बाद केवल 14 हजार 240 श्रमिक ही पात्र पाए गए, जबकि 1 लाख 93 हजार 756 पंजीकरण फर्जी पाए गए।

प्रदेश के नौ जिलों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। अब अनिल विज के पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बुधवार को प्रदेश के अन्य नौ जिलों से भी रिपोर्ट मांग ली है। श्रम मंत्री विज ने आज यहां जारी बयान में कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि हम कांग्रेस की तरह घोटालों को छिपाते नहीं है, घोटाला हुआ है, उजागर हुआ है और उसकी हाईलेवल जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा है। अब मुख्यमंत्री ने आदेश भी दे दिए कि शेष नौ जिलो में भी तुरंत जांच पूरी की जाए ताकि इस मामले में कोई फैसला लिया जा सके। विज ने कहा कि नौ जिलों की जांच रिपोर्ट आते ही मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। इसके आधार अब सरकार फैसला करेगी। उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा