-डीजीपी ने ली प्रदेश के सभी अधिकारियों की बैठक
चंडीगढ़, 28 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि जिन अपराधियों पर अनेक आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह जमानत पर बाहर हैं, उनकी सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए। यदि किसी आरोपित के दोबारा अपराध में लिप्त होने की आशंका हो तो उसकी जमानत निरस्त कराने की ठोस कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने रविवार को प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों की बैठक में वर्ष 2025 में हुई अपराधिक घटनाओं, घटनाओं की नई प्रवृत्ति पर चर्चा की और वर्ष 2026 में घटनाओं से निपटने की रणनीति पर रोडमैप दिया। बैठक में एडीजीपी, आईजी, पुलिस आयुक्त, डीआईजी तथा अन्य सभी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी उपस्थित रहे।
डीजीपी ने कहा कि एनडीपीएस मामलों में संलिप्त अपराधियों की विस्तृत हिस्ट्रीशीट तैयार की जाए। उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को फ्रीज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि अपराधियों में भय बना रहे। साथ ही नशा मुक्ति केंद्रों में चल रहे उपचार की नियमित समीक्षा कर यह जानकारी ली जाए कि कितने लोग सफलतापूर्वक नशे से बाहर आए हैं।
डीजीपी ने कहा कि अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास बनाए रखने के लिए ऑपरेशन ट्रैक डाउन व हॉटस्टपॉट डोमिनेशन जैसे अभियानों को निरंतर और प्रभावी रूप से जारी रखा जाए। जो फरार हैं उन्हें जेल की सलाखों के पीछे धकेला जाना चाहिए।
बैठक में इस बात पर विशेष बल दिया गया कि पुलिस ऐसे असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखे जो बच्चों और युवाओं को नशा, जुआ, अवैध गतिविधियों या आपराधिक रास्ते पर ले जाने का प्रयास करते हैं।
डीजीपी ने निर्देश दिए कि साइबर यूनिट द्वारा किए जा रहे प्रभावी कार्यों की तर्ज पर जिला पुलिस स्तर पर भी साइबर अपराध नियंत्रण को और मजबूत किया जाए, ताकि आम नागरिकों को त्वरित राहत मिल सके और डिजिटल अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा



