हरियाणा में डॉक्टरों ने दो घंटे की हड़ताल के बाद 30 नवंबर को फिर बुलाई बैठक

चंडीगढ़, 27 नवंबर (हि.स.)। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती के फैसले का विरोध करते हुए गुरुवार को हरियाणा के डाक्टरों ने दो घंटे के लिए ओपीडी सेवाओं को बंद रखा। अब आगामी रणनीति बनाने के लिए हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) ने 30 नवंबर को इस संबंध में बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में समस्त स्वास्थ्य सेवाओं, आपातकालीन और पोस्टमार्टम सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है।

एचसीएमएसए के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने पूरे राज्य में दो घंटे की पेन डाउन (कलमबंद) हड़ताल की सफलता का दावा करते हुए कहा कि लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमने आपातकालीन सेवाएं बंद नहीं की, लेकिन सरकार डॉक्टरों की मांगों को लंबे समय से बार-बार अनदेखा कर रही है। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की सीधी भर्ती को स्वीकार नहीं किया जा सकता। संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति (एसीपी) को मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बावजूद एक साल बाद भी लागू नहीं किया गया है।

डा. ख्यालिया ने कहा कि आज सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के तहत दो घंटे के लिए ओपीडी बंद की गई थी, लेकिन सरकार ने यदि हमारी मांगें नहीं मानी तो मजबूरी में आपातकालीन सेवाएं भी बंद करनी पड़ेंगी। उन्होंने बताया कि नान प्रेक्टिस अलाउंस, आयुष्मान इंसेंटिव, स्पेशलिस्ट इंसेंटिव जैसी अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं का सुझाव भी सरकार ने नहीं माना है। इसी कारण हमें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा।

दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने दावा किया कि चिकित्सकों की हड़ताल को देखते हुए पहले से वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। इसके चलते रोगियों को कोई परेशानी नहीं हुई। इस संबंध में बुधवार की रात ही प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को निर्देश जारी कर दिए गए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा