- प्राइवेट स्कूल संघ ने सीएम को लिखा पत्र
चंडीगढ़, 30 नवंबर (हि.स.)। आरटीई की सीटों का ब्यौरा नहीं दिखाने पर शिक्षा विभाग ने आठ महीनों से 2808 प्राइवेट स्कूलों के एमआईएस पोर्टल बंद कर रखे हैं, जिसके चलते बच्चों के ऑनलाइन दाखिले नहीं हो पा रहे हैं। स्कूल संचालकों का दावा है कि इनमें से अधिकतर स्कूलों ने आरटीई की सीटें दिखाने के बाद जानकारी के अभाव में फाइनल सब्मिट नहीं कर पाए तो विभाग ने इसकी कोई सूचना संबंधित स्कूल के टाइम रहते नहीं दी और मंथली फीस के आधार पर तीस हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरने का नोटिस स्कूल को दे दिया।
प्राइवेट स्कूल संघ ने आठ महीनों से बंद पड़े 2808 स्कूलों के एमआईएस पोर्टल खोलने समेत सात सूत्रीय मुख्य मांगों का एक पत्र मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखकर इनका समाधान करने की मांग की है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने रविवार को मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा है कि डॉक्यूमेंट ऑनलाइन करते समय स्कूल से गलती होने पर जुर्माना लगाने की बजाय पहले स्कूल को मेल या फोन के माध्यम से सूचित किया जाए और 2808 स्कूलों का पोर्टल बिना जुर्माना लिए खोला जाए क्योंकि इनको आरटीई की सीट फाइनल सब्मिट न होने की कोई सूचना विभाग द्वारा नहीं दी गई।
उन्होंने चिराग योजना, आरटीई व 134 ए का पैसा स्कूलों को टाइम पर दिलवाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी गैर मान्यता विद्यालयों को शिक्षा का अधिकार कानून 2011 के अपेंडिक्स फर्स्ट (वन रूम वन क्लास) के अनुसार मान्यता तथा 10 अप्रैल 2007 से पहले स्थापित सभी अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों को बीजेपी के 2014 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र के अनुसार एकमुश्त स्थाई मान्यता प्रदान की जाए।
फायर सेफ्टी की तरह हाइजीनिक सर्टिफिकेट की वैधता भी तीन वर्ष की जाए। बसों की आयु सीमा बढ़ाई जाए तथा स्कूल बस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स व अन्य सभी प्रकार के टैक्स प्राइवेट स्कूलों के समाप्त किए जाए। महापुरुषों की जयंती के दिन छुट्टी करने या न करने का अधिकार स्कूलों को दिया जाए ताकि जयंती के दिन स्कूल में कार्यक्रम कर सकें।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा



