हरियाणा: सडक़ से हटाए जाएंगे पुराने वाहन, डीजल के 10 साल पुराने वाहन बंद

चंडीगढ़, 12 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने राज्य में चलने वाली सभी परिवहन गाड़ियाें की अधिकतम उम्र तय कर दी है। नए नियमों का असर बसों, स्कूल वाहनों, टैक्सी, टूरिस्ट बसों और गुड्स वाहनों पर पड़ेगा। अब कोई भी गाड़ी उसकी पहली रजिस्ट्रेशन की तारीख से तय सीमा पार होने पर सडक़ पर नहीं चलेगी।

आठ अक्तूबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस संदर्भ में निर्णय लिया गया था। शुक्रवार को परिवहन विभाग की ओर से ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इस पर सात दिन में लोगों व संबंधित पक्षों के आपत्तियां एवं सुझाव मांगे गए हैं। एनसीआर क्षेत्र में पेट्रोल/सीएनजी टूरिस्ट वाहन 12 साल तक चल सकेंगे।

वहीं डीजल टूरिस्ट वाहनों की उम्र 10 साल तय की गई है। नॉन-एसीआर एरिया में भी पेट्रोल/सीएनजी वाहनों की उम्र 12 साल ही रहेगी। लेकिन इन एरिया में डीजल टूरिस्ट वाहन भी 12 साल तक चल सकेंगे। दूसरी बड़ी श्रेणी में आने वाली सभी गाडिय़ों - स्कूल बसें, रोडवेज, निजी बसें, कांट्रेक्ट कैरिज और गुड्स कैरिज के लिए भी सरकार ने उम्र सीमा तय की है। पेट्रोल, सीएनजी, इलेक्ट्रिक या क्लीन फ्यूल वाहन 15 साल तक चल सकेंगे। वहीं डीजल वाहन (एनसीआर में) 10 साल की उम्र पूरी करने के बाद सडक़ पर नजर नहीं आएंगे। नॉन-एनसीआर में डीजल वाहनों के लिए भी पंद्रह वर्ष की उम्र तय की गई है। एनसीआर में स्कूल बस या डीजल बसें 10 साल से अधिक नहीं चल सकेंगी।

सरकार के अनुसार, पुराने वाहन अधिक धुआं छोड़ते हैं, सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरते और अक्सर खराबी के कारण हादसों का कारण बनते हैं। एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण पहले से ही खतरनाक स्तर पर है। ऐसे में 10 साल से पुराने डीज़ल वाहन नहीं चलने देने का निर्णय पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा