हरियाणा की महिलाओं ने मेहनत और हुनर से देशभर में कमाया नाम : नायब सैनी

-यही आत्मनिर्भर भारत की पहचान, हर घर में हुनर और हर हाथ को काम, स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर भारत की अग्रदूत

-स्वयं सहायता समूहों को लगभग 548 करोड़ की वित्तीय सहायता दी

चंडीगढ़, 29 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश की बहनों ने अपनी मेहनत और हुनर से देशभर में नाम कमाया है। यही आत्मनिर्भर भारत की पहचान है हर घर में हुनर और हर हाथ को काम है। आज हरियाणा के हजारों स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर भारत के सबसे मजबूत स्तंभ बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शनिवार को पंचकूला में स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में महिलाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर भारत के अग्रदूत हैं। आत्मनिर्भर भारत का असली चेहरा हैं। जब किसी गांव की महिला सिलाई मशीन लेकर या कोई युवा बेटी डेयरी या हस्तशिल्प का कार्य शुरू करती है, तो वह सिर्फ अपने परिवार की आजीविका नहीं बनाती, वह समाज का भविष्य गढ़ती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक 65 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाया है। इनमें लाखों महिला सदस्य अपनी मेहनत से समाज में सम्मान और पहचान बना रही हैं। प्रदेश की महिलाएं पापड़, अचार, हस्तशिल्प व डेयरी उत्पादों में अपने कौशल का कमाल दिखा रही हैं। साथ ही जैविक खेती और डिजिटल सेवाओं से लेकर छोटे उद्योगों तक में अपनी भागीदारी बखूबी निभा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 जुलाई, 2024 को मन की बात कार्यक्रम में रोहतक जिले के हथकरघा उद्योग का जिक्र किया है। उस उद्योग में लगी बहनों की मेहनत और कौशल की तारीफ की । उसमें हमारे रोहतक जिले की 250 से अधिक महिलाएं ब्लॉक प्रिटिंग एवं रंगाई का काम करती हैं। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुडक़र ट्रेनिंग हासिल की है। जिला गुरुग्राम में शंकर की ढाणी गांव में शंकर स्वयं सहायता समूह में 250 बहनें अपना रोजगार चला रही हैं। वे 150 से अधिक घरों से दूध लेकर डेयरी चला रही हैं, मिठाई की दुकान चला रही हैं और मोटे अनाज के लड्डू, खिचड़ी व अन्य उत्पाद भी बनाकर बेचती हैं।

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म उद्योग में निवेश की ऊपरी सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसी प्रकार, लघु औद्योगिक इकाइयों में निवेश की ऊपरी सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये तथा मध्यम इकाई में 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक लगभग 548 करोड़ रुपये की विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है। सरकार ने सामुदायिक निवेश निधि की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 01 लाख 50 हजार रुपये कर दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा