चंडीगढ़ 50 हजार रिश्वत केस में विजिलेंस की चार्जशीट:22 जनवरी 2026 से नियमित सुनवाई,जमानत पर बाहर, खुद को बताया निर्दोष,रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी

चंडीगढ़ में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में चंडीगढ़ विजिलेंस विभाग ने जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। अब इस मामले में 22 जनवरी, 2026 से नियमित सुनवाई शुरू होगी। विजिलेंस ने यह चार्जशीट सेक्टर-29 स्थित डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) में तैनात तकनीकी अधिकारी अमित सोलंकी के खिलाफ दायर की है। अब इस पूरे मामले की नियमित सुनवाई 22 जनवरी, 2026 से जिला अदालत में शुरू होगी। विजिलेंस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत केस दर्ज किया है। करीब दो महीने की जांच के बाद अब चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी गई है। यह कार्रवाई शक्ति इंटरप्राइजेज कंपनी के ब्रांच मैनेजर आशुतोष सिंह की शिकायत पर की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनकी कंपनी डीआरडीओ में मैनपावर सप्लाई का काम करती है। मैनपावर सप्लाई से जुड़े बिल पास कराने के लिए जब उन्होंने तकनीकी अधिकारी अमित सोलंकी से संपर्क किया तो उसने 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी शिकायत मिलने के बाद चंडीगढ़ विजिलेंस ने पूरी योजना बनाकर ट्रैप लगाया। तय रणनीति के तहत शिकायतकर्ता को रिश्वत की रकम के साथ आरोपी के पास भेजा गया। जैसे ही रिश्वत मांगने और स्वीकार करने की पुष्टि हुई, विजिलेंस टीम ने अमित सोलंकी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम ने अमित सोलंकी के घर पर छापेमारी की थी। इस दौरान उसके घर से करीब 18 लाख रुपए नकद और आभूषण बरामद किए गए। फिलहाल विजिलेंस आरोपी की संपत्ति की विस्तृत जांच कर रही है। जमानत पर बाहर, खुद को बताया निर्दोष गिरफ्तारी के करीब दो महीने बाद अमित सोलंकी को जिला अदालत से जमानत मिल गई थी। जमानत याचिका में उसने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। वहीं सरकारी वकील ने जमानत का विरोध किया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उसकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी।