चंडीगढ़ 4 लाख में पार्षद का ऑफिस होगा रिपेयर:टेंडर जारी,सेकंड इनिंग्स एसोसिएशन प्रेसिडेंट ने बताया फिजूल खर्च, सेक्टर-33 कम्युनिटी सेंटर में बना
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- Dec 18, 2025
चंडीगढ़ में नगर निगम चंडीगढ़ ने वार्ड नंबर 22 में सेक्टर-33 स्थित कम्युनिटी सेंटर में पार्षद अंजू कत्याल के ऑफिस की मरम्मत के लिए ई-टेंडर जारी किया है। यह टेंडर रोड डिवीजन नंबर-2 की ओर से नगर निगम कमिश्नर की मंजूरी से जारी किया गया है। वहीं, इसका विरोध भी शुरू हो गया है। सेकंड इनिंग्स एसोसिएशन चंडीगढ़ के प्रेसिडेंट आर.के. गर्ग ने कहा कि सेक्टर-33 के कम्युनिटी सेंटर में पार्षद के कमरे पर 4 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करने का टेंडर निकाला गया है, जिसकी पूरी डिटेल्स भी संलग्न हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के गैर-जरूरी खर्चों पर एक बार फिर से विचार होना चाहिए और ऐसे सभी खर्चों पर लगाम लगनी चाहिए। वैसे भी नगर निगम चुनाव में अब करीब एक साल का समय बचा है, ऐसे में आखिरी साल में निगम के पैसों के इस तरह के दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए। काम पर लगभग 4 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है और इसे दो महीने की अवधि में पूरा करना होगा। यह टेंडर प्रतिशत दर आधारित होगा और पूरी प्रक्रिया ई-टेंडरिंग के जरिए पूरी की जाएगी। इस टेंडर में वही ठेकेदार या फर्म हिस्सा ले सकेंगी, जो पहले से नगर निगम चंडीगढ़, चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग, सीपीडब्ल्यूडी, राज्य पीडब्ल्यूडी या किसी सरकारी बोर्ड अथवा निगम में रजिस्टर्ड हों। साथ ही, उन्हें टेंडर में तय सभी जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी। ऑनलाइन जमा होगी ईएमडी और टेंडर फीस टेंडर में भाग लेने के लिए इच्छुक ठेकेदारों को ऑनलाइन माध्यम से 8013 रुपए बतौर अर्नेस्ट मनी जमा करनी होगी। टेंडर फीस का निर्धारण काम की लागत के आधार पर किया गया है। 5 लाख रुपए से अधिक और 20 लाख रुपए तक के कामों के लिए 1000 रुपए, 20 लाख से अधिक और 2 करोड़ रुपए तक के लिए 3000 रुपए तथा 2 करोड़ रुपए से ऊपर के कामों के लिए 5000 रुपए टेंडर फीस निर्धारित की गई है। ऑफलाइन फीस स्वीकार नहीं की जाएगी। दो फोल्डर में जमा होंगे दस्तावेज ई-टेंडर प्रक्रिया में ठेकेदारों को दो फोल्डर में दस्तावेज अपलोड करने होंगे। फोल्डर-ए में शर्तों से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज, जैसे पंजीकरण प्रमाणपत्र, गैर-काली सूची का एफिडेविट, जीएसटी पंजीकरण और नवीनतम जीएसटी रिटर्न अपलोड करना अनिवार्य होगा। फोल्डर-बी में केवल वित्तीय बोली यानी प्राइस बिड अपलोड की जाएगी। ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है नगर निगम ने साफ किया है कि इस काम के लिए दो या ज्यादा कंपनियां मिलकर टेंडर नहीं भर सकेंगी। ठेकेदार का रजिस्ट्रेशन टेंडर की आखिरी तारीख तक मान्य होना जरूरी है। 2 करोड़ रुपए से अधिक लागत के कार्यों के लिए बोली क्षमता सीपीडब्ल्यूडी मैनुअल के अनुसार तय की जाएगी। गलत जानकारी देने या दस्तावेजों में गड़बड़ी मिलने पर टेंडर रद्द किया जा सकता है और ठेकेदार को भविष्य के लिए ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है। जिस ठेकेदार का टेंडर मंजूर होगा, उसे कुल बोली राशि का 5 फीसदी परफॉर्मेंस गारंटी के रूप में जमा करानी होगी। यह राशि काम पूरा होने और डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड तक नगर निगम के पास जमा रहेगी।



