चंडीगढ़ साइबर ठगी-एक साल में 8,495 शिकायतें:FIR 150, सरगना तक नहीं पहुंच पाई पुलिस, अकाउंट देने वाले पकड़े, 13 राज्य 93 छापेमारी, 147 गिरफ्तार
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- Dec 29, 2025
चंडीगढ़ में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन जितनी शिकायतें आ रही हैं, उसके मुकाबले बहुत कम एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। वर्ष 2025 में अब तक साइबर सेल को 8,495 शिकायतें मिलीं, जबकि इनमें से सिर्फ 150 मामलों में ही केस दर्ज किए गए। यानी हजारों पीड़ितों की शिकायतें बिना एफआईआर के ही निपटा दी गईं। इससे न केवल ठगी के शिकार लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा, बल्कि उनके ठगे गए पैसे की वापसी भी मुश्किल होती जा रही है। सरगना तक पहुंचने में नाकाम साइबर ठगी के मामलों में बड़ी कमजोरी यह सामने आई है कि पुलिस ठगी करने वाले मुख्य सरगना तक नहीं पहुंच पा रही। कार्रवाई के नाम पर अधिकतर ऐसे लोगों को पकड़ा गया, जिन्होंने ठगों को अपने बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाए। इन अकाउंट होल्डरों को ठगी की रकम का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा मिलता था, जबकि असली ठग पर्दे के पीछे ही बने रहे। नतीजा यह रहा कि ठगी की बड़ी रकम आज भी वापस नहीं हो सकी। ठगी के बाद जब बैंक खातों में रकम फ्रीज होती है, तो पीड़ितों को उसे निकलवाने के लिए साइबर सेल और जिला अदालतों के चक्कर काटने पड़ते हैं। कई मामलों में लोग सालों तक भटकते रहे, फिर भी उन्हें अपने ही पैसे नहीं मिल सके। 13 राज्यों में 93 छापेमारी, 147 साइबर ठग गिरफ्तार वर्ष 2025 में साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर थाना पुलिस ने 13 राज्यों में 93 छापेमारी की। गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, झारखंड, असम, बिहार और दमन एवं दीव से कुल 147 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया।छापेमारी के दौरान 201 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप और 6 सिम बॉक्स बरामद किए गए। इसके अलावा साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे 430 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को भी ब्लॉक किया गया। 2025 में 44 करोड़ से ज्यादा की ठगी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2025 में अब तक शहरवासियों से 44 करोड़ 7 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो चुकी है। साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 10 करोड़ 75 लाख रुपए फ्रीज करवाए। पुलिस का कहना है कि जितनी जल्दी शिकायत दर्ज कराई जाती है, उतनी ही अधिक रिकवरी की संभावना रहती है।इस साल दर्ज 150 मामलों में डिजिटल अरेस्ट ठगी के 16 केस भी शामिल हैं। 2024 रहा सबसे घातक साल साइबर ठगी के लिहाज से वर्ष 2024 सबसे भारी रहा। उस साल 112 एफआईआर दर्ज हुईं, जिनमें 65 करोड़ 32 लाख रुपये की ठगी सामने आई। पुलिस ने 88 आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन केवल 8 करोड़ 16 लाख रुपए ही फ्रीज हो सके। 5 साल का साइबर अपराध रिकॉर्ड



