चंडीगढ़ नशा तस्कर पर लगा PITNDPS एक्ट​​​​​​​:एक साल तक रहेगा जेल में, इससे पहले ड्रग्स क्वीन बाला हुई गिरफ्तार, होम सेक्रेटरी ने दिए आदेश

चंडीगढ़ के मलोया थाना पुलिस ने आदतन अपराधी और कुख्यात नशा तस्कर डड्डूमाजरा कॉलोनी निवासी 37 वर्षीय गगन उर्फ गोगी को पिट एनडीपीएस एक्ट, 1988 के तहत हिरासत में लिया है। पुलिस ने आरोपी को बुडै़ल जेल भेज दिया है। इससे पहले नशे के कारोबार में कुख्यात ‘ड्रग्स क्वीन’ कही जाने वाली बाला​​​​​​ को यही एक्ट लगाकर एक साल के लिए जेल में भेजा था। यह कार्रवाई चंडीगढ़ के होम सेक्रेटरी मंदीप सिंह बराड़ के विशेष आदेश पर की गई है। बताया जा रहा है कि यह देश का दूसरा मामला है, जिसमें किसी ड्रग्स सप्लायर को सीधे होम सेक्रेटरी के आदेश पर जेल भेजा गया है। आरोपी की फाइल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जसवीर सिंह द्बारा बनाकर भेजी गई थी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक...... वर्ष 2017 और 2019 में थाना मलोया वर्ष 2023 में पिंजौर थाना वर्ष 2024 में थाना मलोया वर्ष 2025 में एएनटीएफ चंडीगढ़ 36 केस दर्ज, जिनमें 24 नशे के मामलों से जुड़े प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आदेश के तहत ड्रग्स तस्कर बाला अब पूरा एक साल जेल में रहेगी। पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि बाला पर अब तक कुल 36 आपराधिक केस दर्ज हैं, जिनमें से 24 मामले नशे की सप्लाई और बिक्री से जुड़े हैं। महिला होकर भी बनी नशे के कारोबार की ‘क्वीन’ बाला का केस नशे की दुनिया में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को भी उजागर करता है। आमतौर पर महिलाएं ड्रग्स नेटवर्क में पर्दे के पीछे रहती हैं, लेकिन बाला ने खुद को ‘क्वीन ऑफ ड्रग्स’ के रूप में पेश किया। वह खुद नशे के सौदागरों से सौदे करती थी और कई बार डिलीवरी तक करने जाती थी। होम सेक्रेटरी मंदीप सिंह बराड़ ने कहा प्रशासन अब नशे से जुड़े मामलों में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा समाज को नशे से बचाने के लिए सिर्फ पुलिस नहीं, बल्कि हर स्तर पर प्रशासनिक सख्ती जरूरी है। वहीं प्रशासन अब उन सभी व्यक्तियों की सूची तैयार कर रहा है जो नशे के कारोबार से जुड़े हैं और बार-बार चेतावनी के बावजूद सुधार नहीं कर रहे। आने वाले समय में ऐसे लोगों पर भी बाला की तरह कठोर कदम उठाए जाएंगे। हाईकोर्ट कमेटी ने केस को बताया था कमजोर इससे पहले भी चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने सेक्टर 38ए की बाला और सेक्टर 45सी के दीपक मित्तल उर्फ विक्की को ड्रग्स तस्करी के आरोप में PITNDPS एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था और इन्हें असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेजने की तैयारी थी। लेकिन इस पर हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों की एडवाइजरी कमेटी ने सवाल खड़े कर दिए। कमेटी ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा तैयार की गई केस फाइल को कमजोर मानते हुए दोनों आरोपियों को डिब्रूगढ़ जेल भेजने से इनकार कर दिया और इस संबंध में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी।