संसद में उठी मांग चंडीगढ़ को मेट्रो की सख्त जरूरत:सांसद मनीष तिवारी ने मांगे 25,000 करोड़ ; अंबाला–कुराली से लेकर लांडरां-पिंजौर तक बनने का प्रस्ताव
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- Dec 11, 2025
लोकसभा में मंगलवार को ‘तत्काल जनमहत्व के मुद्दों’ के तहत ट्राईसिटी में मेट्रो लाए जाने की जरूरत को जोरदार तरीके से उठाया गया। सांसद मुनीष तिवारी ने सदन में कहा कि चंडीगढ़, मोहाली, पंचकुला और न्यू चंडीगढ़ को एकीकृत मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (मेट्रो) से जोडना सिर्फ सुविधा का नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और भविष्य की जरूरतों का सवाल है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से 25,000 करोड़ रुपए की विशेष वित्तीय सहायता जारी करने की मांग की। सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार यदि 25,000 करोड़ रुपए की मंजूरी देती है, तो यह न सिर्फ चंडीगढ़ बल्कि पूरे उत्तरी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित होगा। अंबाला से कुराली और लांडरां-पिंजौर तक मेट्रो कॉरिडोर का प्रस्ताव सांसद ने कहा कि प्रस्तावित मेट्रो नेटवर्क अंबाला से शुरू होकर कुराली तक और दूसरी दिशा में लंदरां से पिंजौर तक फैला होना चाहिए। इससे पूरा ट्राईसिटी चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला और न्यू चंडीगढ़ एक कॉमन शहरी ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि आबादी लगातार बढ़ रही है और चंडीगढ़ के चारों तरफ विकसित हो रहे उपनगरों में ट्रैफिक दबाव इतना बढ़ चुका है कि बिना मेट्रो जैसे मजबूत विकल्प के आने वाले 5–7 सालों में हालात बेहद गंभीर हो जाएंगे। 2019 में भी उठाई थी मांग सांसद ने सदन को याद दिलाया कि वर्ष 2019 में ही उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री को पत्र लिखकर यह मांग उठाई थी कि चंडीगढ़ और आसपास के शहरों के बीच तेज रफ्तार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली शुरू की जाए। लेकिन, इसके बावजूद अब तक परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी है। उन्होंने कहा कि कई दौर की UMTA (यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) बैठकों और RITES की विस्तृत रिपोर्टों ने इस प्रोजेक्ट को तकनीकी और वित्तीय रूप से पूरी तरह व्यावहारिक माना है। इसके बावजूद, चंडीगढ़-मोहाली-पंचकुला - न्यू चंडीगढ़ क्षेत्र की मेट्रो परियोजना को मंजूरी नहीं मिल पाई, जिससे क्षेत्र का विकास ठहर गया है। अब फैसला लेने का समय, वर्ना ट्रैफिक सिस्टम टूट जाएगा’ सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा कि चंडीगढ़ और उसके आसपास के शहरों में रोजाना लाखों वाहन सड़कों पर उतरते हैं और स्थिति हर साल और खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि “अगर केंद्र सरकार अभी फैसला नहीं लेती तो आने वाले समय में चंडीगढ़- ट्राईसिटी का ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह चरमरा जाएगा। मेट्रो न सिर्फ जरूरत है, बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार और पर्यावरण के लिहाज से अनिवार्य है। मेट्रो बनने से चंडीगढ़ और आसपास के शहरों में



