चंडीगढ़ में टूरिस्ट विभाग में बड़ा गड़बड़झाला:22 करोड़ रुपए का प्रशासन पास हिसाब ही नहीं, अकेले कलाकारों और वेंडरों पर लुटा दिए 11.84 करोड़

चंडीगढ़ में टूरिस्ट विभाग ने बड़ा गड़बड़झाला किया है। इस तरफ आशंका सांसद मनीष तिवारी ने जाहिर की है। इसे लेकर सांसद मनीष तिवारी की तरफ से लगए गए सवाल के जवाब में से इसका खुलासा हुआ है। सांसद मुनीष तिवारी के अनुसार ने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा पर्यटन गतिविधियों के नाम पर किए गए खर्च को चौंकाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि बीते तीन वित्तीय वर्षों में कथित तौर पर पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों पर 33.26 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जो अपने आप में हैरान करने वाला है। सांसद तिवाडी के अनुसार, इस कुल राशि में से करीब एक-तिहाई यानी 11.84 करोड़ रुपए कलाकारों और अन्य वेंडरों को भुगतान के रूप में दिए गए। इसके बाद भी लगभग 22 करोड़ रुपए ऐसे हैं, जिनका कोई स्पष्ट हिसाब सरकार के जवाब में सामने नहीं आता। कलाकारों को किसे कितना भुगतान, जवाब में चुप्पी मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन ने जानबूझकर उस सवाल से बचने की कोशिश की, जिसमें यह पूछा गया था कि किस कलाकार को, किस कार्यक्रम के लिए और कितनी राशि का भुगतान किया गया। इस संबंध में कोई विस्तृत विवरण लोकसभा के जवाब में नहीं दिया गया। 22 करोड़ के खर्च पर सवाल उन्होंने कहा कि कलाकारों और वेंडरों को भुगतान के बाद बची 22 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भी जवाब में कहीं उल्लेख नहीं है। यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह पैसा आखिर किन मदों में खर्च हुआ। एडवाइजरी कमेटी की सब-कमेटी से जांच की मांग मनीष तिवारी ने मांग की कि प्रशासक की एडवाइजरी कमेटी की पर्यटन सब-कमेटी को इस पूरे खर्च का विस्तृत हिसाब मांगना चाहिए। साथ ही यह भी जांच होनी चाहिए कि क्या वास्तव में चंडीगढ़ में ऐसी कोई पर्यटन गतिविधि हुई है, जिसे इस भारी खर्च के अनुरूप ठहराया जा सके। उन्होंने कहा कि जनता के पैसे के इस्तेमाल में पारदर्शिता जरूरी है और पर्यटन के नाम पर किए गए इस खर्च की गंभीर समीक्षा होनी चाहिए। पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया है कि इन सभी खर्चों का ऑडिट भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के तहत केंद्रीय ऑडिट कार्यालय द्वारा नियमित रूप से किया गया। सांसद तिवाड़ी ने पूछा था सवाल, मिले जवाब में सरकार ने किया खुलासा चंडीगढ़ में पर्यटन गतिविधियों पर होने वाले खर्च और उसके ऑडिट को लेकर लोकसभा में सवाल पूछा गया था। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी द्वारा पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशासन के पर्यटन विभाग को सीधे कोई बजट नहीं देती, लेकिन मेलों और त्योहारों के आयोजन के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। तीन साल में 33.26 करोड़ का बजट है। किस साल में कितना हुआ खर्च