चंडीगढ़ में वाहन चोरी और साइबर ठगी सबसे ज्यादा:ड्रग्स बना संगठित अपराध, वर्ष 2024 में 1362 वाहन चोरी, साइबर अपराध 2025 में सबसे ज्यादा

चंडीगढ़ में वर्ष 2025 के दौरान अपराध का स्वरूप तेजी से बदला है। पुलिस के वार्षिक आंकड़े बताते हैं कि शहर में कुछ गंभीर अपराधों में जहां मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिला, वहीं मोटर व्हीकल चोरी, साइबर ठगी और नशीले पदार्थों से जुड़े मामलों में साफ बढ़ोतरी दर्ज की गई। अपराध की संख्या के लिहाज से वाहन चोरी पूरे साल शहर का सबसे बड़ा क्राइम बना रहा, जबकि ड्रग्स और साइबर अपराध सबसे ज्यादा संगठित और चुनौतीपूर्ण अपराध के रूप में सामने आए। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वर्ष 2025 में हत्या के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2024 में जहां 22 हत्याएं हुई थीं, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 26 हो गई। हालांकि हत्या के प्रयास और बलात्कार जैसे मामलों में कुछ कमी दिखाई दी, लेकिन बच्चों और किशोरों से जुड़े यौन अपराधों यानी POCSO मामलों में तेज इजाफा हुआ। रेप और POCSO से जुड़े मामलों की कुल संख्या 47 से बढ़कर 66 तक पहुंच गई, जिसने कानून व्यवस्था के सामने गंभीर सवाल खड़े किए। वर्ष 2024 में 1362 वाहन चोरी अपराध के आंकड़ों में सबसे चौंकाने वाली तस्वीर मोटर व्हीकल चोरी की रही। वर्ष 2024 में 1362 वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए थे, जो 2025 में बढ़कर 1682 हो गए। इसका मतलब यह रहा कि औसतन हर दिन चार से ज्यादा वाहन चोरी हुए। दोपहिया और चारपहिया दोनों ही इस अपराध की चपेट में रहे और यह क्राइम पूरे साल शहर में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। ड्रग्स के मामलों में भी स्थिति चिंताजनक रही। एनडीपीएस एक्ट के तहत 149 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 235 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हेरोइन, कोकीन, आइस ड्रग, गांजा, चरस और अफीम की बड़ी खेप बरामद की गई। जांच में सामने आया कि ड्रग सप्लाई का नेटवर्क इंटर-स्टेट और इंटरनेशनल स्तर तक फैला हुआ है, जिसमें ड्रोन के जरिए तस्करी, पाकिस्तानी हैंडलर और विदेशी नागरिकों की संलिप्तता भी सामने आई। साइबर अपराध 2025 में सबसे ज्यादा साइबर अपराध 2025 में डिजिटल अरेस्ट, फर्जी पुलिस-कोर्ट नोटिस, निवेश और ट्रेडिंग के नाम पर ठगी जैसे मामलों में भारी इजाफा हुआ। पुलिस ने 150 से ज्यादा साइबर फ्रॉड के केस दर्ज किए और 147 आरोपियों को गिरफ्तार किया। कार्रवाई के दौरान 11 करोड़ 21 लाख रुपये से ज्यादा की रकम को फ्रीज या होल्ड किया गया। इन मामलों में सबसे ज्यादा शिकार बुजुर्ग और आम निवेशक बने। इसके अलावा अवैध शराब, सट्टेबाजी और जुए के मामलों में भी लगातार केस दर्ज होते रहे। आईपीएल और ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े पैन-इंडिया नेटवर्क सामने आए, जिनमें लाखों रुपये की नकदी और दर्जनों मोबाइल-लैपटॉप बरामद किए गए। हथियारों से जुड़े मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली और देसी पिस्तौल, जिंदा कारतूस के साथ कई शूटर और हथियार सप्लायर गिरफ्तार किए गए। इमिग्रेशन फ्रॉड भी 2025 में एक बड़ा ट्रेंड बनकर सामने आया। फर्जी वीजा, डमी टिकट और विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाली 90 से ज्यादा फर्जी कंपनियों पर मामले दर्ज किए गए। जांच में सामने आया कि कई लोग करोड़ों रुपए की ठगी का शिकार हुए।