हाईकोर्ट क्लब चुनाव में ‘नेशनलिस्ट पैनल’ की बड़ी जीत, तृणमूल को धूल चटाकर भाजपा समर्थित वकीलों का दबदबा

कोलकाता, 01 दिसंबर (हि. स.)। विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट बार क्लब चुनाव में भी राजनीतिक असर गहराई तक दिखा। सोमवार को घोषित नतीजों में भाजपा लीगल सेल समर्थित ‘नेशनलिस्ट पैनल’ ने शानदार जीत हासिल की, जिसे राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।

घोषित परिणामों के अनुसार, पैनल के 10 में से सात उम्मीदवार बड़ी बढ़त के साथ विजयी हुए। हाईकोर्ट परिसर में वकीलों के इस प्रतिष्ठित क्लब चुनाव को लेकर पिछले कुछ सप्ताह से प्रचार बेहद गर्म था। ऐसे माहौल में भाजपा समर्थित वकीलों की यह जीत राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने विजेता उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा कि यह नतीजा “न्याय, पेशेवर ईमानदारी और राष्ट्रीयता” के समर्थन में स्पष्ट संदेश है। विजेता पदाधिकारी हैं —

प्रेसिडेंट : कल्लोल मंडल

वाइस प्रेसिडेंट : अनिंद्य बसु

जनरल सेक्रेटरी : अरुण कुमार उपाध्याय

असिस्टेंट सेक्रेटरी : मधु जना

ट्रेज़रर : बिजितेश मुखर्जी

कमिटी सदस्य : ऐश्वर्या राज्यश्री, पुजा सोनकर

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह जीत सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि वकील समाज में पारदर्शिता और मजबूत नेतृत्व की इच्छा को दिखाती है। उनके अनुसार, “यह फैसला वकीलों के बड़े तबके के भरोसे को सामने लाता है, जो निष्पक्ष और सक्षम नेतृत्व चाहते हैं।”

वकीलों के एक हिस्से का मानना है कि हाल के समय में अदालत और प्रशासनिक स्तर पर बढ़ती बहसों के बीच यह चुनाव भविष्य की परिस्थितियों को प्रभावित कर सकता है। सीधे तौर पर यह चुनाव न्यायिक प्रक्रिया पर असर नहीं डालता, लेकिन वकील समुदाय की बदलती मनोभूमि का संकेत जरूर देता है।

नेशनलिस्ट पैनल के एक विजयी सदस्य ने कहा कि उनका उद्देश्य राजनीति नहीं, बल्कि वकीलों के कामकाज के वातावरण में सुधार, क्लब की सेवाओं का विस्तार और पेशेवर पारदर्शिता को मजबूत करना था।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह परिणाम विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है। हाईकोर्ट के वकीलों को हमेशा जागरूक और बौद्धिक रूप से प्रभावशाली माना जाता है। ऐसे में भाजपा समर्थित पैनल की जीत को पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

हालांकि, तृणमूल से जुड़े एक वकील नेता का कहना है कि “यह पूरी तरह पेशेवर चुनाव है, राजनीतिक महत्व देना अनुचित है।”

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर